इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर रस्साकशी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार घटक दलों झामुमो, राजद, माले, कांग्रेस में एक-एक सीट को लेकर जिच बना हुआ है। इंडिया गठबंधन की अगुवाई कर रहा झामुमो इस कोशिश में जुटा है कि घटक दल गठबंधन में शामिल रहें। इन सबके बीच झामुमो हर कदम फूंक-फूंक कर उठा रहा है। यही वजह है कि झामुमो के कई सीटिंग विधायकों ने सूची जारी होने से पहले ही पार्टी सिंबल पर नामांकन शुरू कर दिया। सीटिंग विधायकों और सहमति बन चुकी सीटों पर कांग्रेस ने भी 21 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है।
झामुमो की सूची से पहले प्रत्याशी कर दिए नामांकन
इंडिया गठबंधन की अगुवाई कर रहे झामुमो की पहली सूची जारे होने से पहले ही पार्टी के सिंबल पर पांच प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया। ईचागढ़ से सविता महतो ने मंगलवार पर्चा भरा। इससे पहले गढ़वा से मिथिलेश ठाकुर ने भी नामांकन किया। दोनों के नामांकन के दौरान हुई सभा में हेमंत सोरेन ने शिरकत भी की। भवनाथपुर से अनंत प्रताप देव, पोटका से संजीव सरदार और जुगसलाई से मंगल कालिंदी ने नामांकन किया। दूसरी ओर 23 अक्तूबर को चाईबासा से दीपक बिरुआ और 24 को सीएम हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन, केदार हाजरा, बेबी देवी और सुदिव्य सोनू नामांकन कर सकते हैं।
राधाकृष्ण कांग्रेस व गिरिनाथ सपा में शामिल
चुनाव की घोषणा होते ही नेताओं का दूसरी पार्टियों में शामिल होने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को भी कई नेता पार्टी बदलकर दूसरी पार्टी में शामिल हुए। इनमें दो बड़े नाम पूर्व मंत्री राधाकृष्ण किशोर और पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह शामिल है। राधाकृष्ण किशोर ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। वहीं पूर्व मंत्री गिरिनाथ सिंह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। गिरिनाथ वे 24 अक्टूबर को सपा से नामांकन दाखिल करेंगे।
बता दें कि गिरिनाथ और उनके पिता स्व गोपीनाथ सिंह ने 25 साल तक गढ़वा विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया। 1962 से 1967 तक स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर रंका राजघराने से जुड़े उनके पिता गोपीनाथ सिंह विधायक रहे। पिता गोपीनाथ सिंह की मौत के बाद 1993 में हुए उपचुनाव में जनता दल प्रत्याशी के रूप में गिरिनाथ सिंह ने जीत हासिल की थी। वे वर्ष 2019 में राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा छोड़ 2 अप्रैल 2024 को राजद का दामन थाम लिया था।