उद्घाटन करने पहुंचे म्योरपुर क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य
संवाददाता-प्रदीप कुमार
लिलासी/सोनभद्र। आदर्श रामलीला सेवा समिति के द्वारा नौडीहा बाबा विश्वनाथ मंदिर के प्रांगण में रामलीला का भव्य आयोजन मुख्य अतिथि म्योरपुर क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुषमा सिंह व मधुबन ग्राम सभा के प्रधान श्री बर्फीलाल जी के हाथों सँयुक्त रूप से फीता काट व नारियल फोड़ कर रामलीला का शुभारंभ किया गया,मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि का रामलीला कमेटी ने माल्यार्पण कर स्वागत किया और अपने संबोधन में मुख्य अतिथि सुषमा सिंह ने कहा
कि रामलीला से हमें सीख लेने की जरूरत है, एक सफल पत्नी कैसी होनी चाहिए भाई कैसा होना चाहिए रामलीला हमें सीख देती है तथा भगवान श्री रामचंद्र जी एक मर्यादा पुरुषोत्तम थे, और उनके लीला को आप सभी देखकर अच्छाइयों को अपने अंदर ग्रहण करे।और विशिष्ट अतिथि श्री बर्फीलाल ने अपने संबोधन में कहा कि अधर्म चाहे जितना भी शक्तिशाली क्यों ना हो जाए पर सत्य से कभी जीत नहीं सकता,रावण एक अधर्मी व शक्तिशाली था,जिसे एक आम आदमी का अवतार लेकर श्री राम ने उसका वध किया कहा कि एक भाई पत्नी पिता माता कैसी होनी चाहिए यह हमें रामायण से ज्ञान मिलता है इसी कारण हर वर्ष जगह-जगह रामलीला का मंचन आयोजन किया जाता है,
मंचन का शुरुआत हिमालय की तराई में तपस्या कर रहे हैं नारद जी से शुरू होता है नारद जी का तपस्या से इंद्र का सिंहासन हिल जाता है इंद्र द्वारा कामदेव को बुलाकर नारद जी का तपस्या भंग करने के लिए कामदेव को भेजा जाता है कामदेव द्वारा जब नारद जी का तपस्या भंग नहीं हो पता तो कामदेव नारद जी से माफी मांगते हुए बताते हैं कि मुझे इंद्र ने आपकी तपस्या भंग करने को भेजा था यह सुन नारद जी के मन में अहंकार आ जाता है यह बात नारद जी भगवान शिव व ब्रह्मा जी को बताता है
तथा भगवान शिव व ब्रह्मा बोलते है कि यह बात आप किसी को मत बताइएगा,यह बात सुन नारद जी मन में सोचते हैं कि क्यों ना मैं इस बात को विष्णु जी से बताऊ।तब जाकर नारद जी विष्णु से बताते हैं और आगे चलते हुए बहुत प्रसन्न होकर रास्ते में एक शीलनगर नामक राज्य आता है जहां का मनोहर दृश्य देख नारद जी नगर में जाते हैं,शीलनिधि राजा जाकर नारद जी का स्वागत कर अपने राज्य महल में ले जाते हैं जहां नारद जी शीलनिधि राजा के पुत्री का हस्त रेखा देख भविष्य बताते हैं नारद जी सोचते हैं क्यों ना मैं इस सुंदर कन्या से विवाह कर लूं,नारद जी के द्वारा विष्णु जी का आह्वान किया जाता है विष्णु जी से नारद जी उनका सुंदर चेहरा मांगते हैं, स्वयंवर में नारद जी जयमाल के लिए जाते हैं विश्व सुंदरी विष्णु जी के गले में माला डालती हैं यह देख नारद जी अपना चेहरा शीशे में बंदर का देख विष्णु जी को श्राप देते हैं,उधर पृथ्वी अधर्म अत्याचार व पाप सहन नही कर पा रही है।ये सब बात सुन पृथ्वी के दुःख को सुनने वाला आकाशवाणी होता है कि प्रभु का अवतार अयोध्या में होने वाला है।मौके पर रवि गुरुजी,रामजन्म गुरुजी,राजेश गुरुजी,रामलीला समिति के अध्यक्ष शिवपूजन,व्यास के रूप में प्रेमचंद जी,महेंद्र सिंह,नंन्दू प्रसाद गौतम,शिवजी,बलराम सिंह,जयराम सिंह,विनोद शर्मा,रामललन,अमरेश कुमार,इन्द्रमणि, रामज्ञान,अवधबिहारी यादव,राजकुमार,दीपनारायण,तथा मंच का संचालन प्रदीप कुमार ने किया व मौके सैकड़ो लोग मौजूद रहे।
आदर्श राम लीला समिति नौडीहा
हमारे तरफ के सभी को धन्यवाद जय श्री राम राम