58.31 करोड़ न तो पैक्सों ने बैंक को वापस किया और न राशि का हिसाब दे रहे हैं। सचिव ने जो सूची जारी की है, उसमें सुपौल, भागलपुर, दरभंगा, बेगूसराय और खगड़िया को छोड़ बाकी सभी 33 जिले शामिल हैं।
धान खरीद के नाम पर पिछले साल सरकार से राशि उठाने वाले बिहार के 255 पैक्सों में 233 पैक्स डिफॉल्टर साबित हुए हैं। इन पैक्सों ने धान खरीद के नाम पर बैंक से सरकारी राशि की निकासी तो की, लेकिन उस धान के बदले एसएफसी को चावल की आपूर्ति नहीं की। सरकार के 58.31 करोड़ रुपये गटकने वाले इन 233 पैक्सों पर कार्रवाई को लेकर विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेद्र सिंह ने अब संबंधित 33 जिलों के सहकारिता पदाधिकारी को कार्रवाई का आदेश दिया। सचिव ने सूची जारी करते हुए बताया है कि पिछले सीजन में राज्य के इन पैक्सों ने धान खरीद के नाम पर बैंक से 62.31 करोड़ रुपये की निकासी की, लेकिन सरकार को महज 3.90 करोड़ का ही चावल वापस किया।
बाकी के 58.31 करोड़ न तो पैक्सों ने बैंक को वापस किया और न राशि का हिसाब दे रहे हैं। सचिव ने जो सूची जारी की है, उसमें सुपौल, भागलपुर, दरभंगा, बेगूसराय और खगड़िया को छोड़ बाकी सभी 33 जिले शामिल हैं। सचिव ने इन जिलों के सहकारिता पदाधिकारी को मामले में तुरंत नाीलामवाद दायर करने और उसके बाद भी वसूली न हो पाने पर एफआईआर का आदेश दिया है।
उत्तर बिहार के करीब 150 पैक्स साबित हुए डिफॉल्टर
सहकारिता विभाग ने जिन 233 डिफॉल्टर पैक्सों की सूची जारी की है, उसमें उत्तर बिहार के करीब 150 पैक्स शामिल हैं। सूची के अनुसार मुजफ्फरपुर के छह, मधुबनी के 19, समस्तीपुर के पांच, शिवहर के चार, सीतामढ़ी के तीन, वैशाली के सात, पश्चिम चंपारण के 11, पूर्वी चंपारण के 65, गोपालगंज के 10 पैक्स शामिल हैं।
सचिव के निर्देश के बाद इन जिलों के सहकारिता पदाधिकारी ने पैक्सों को एक तरफ नोटिस जारी किया है, दूसरी तरफ जिला प्रशासन के पास नीलामवाद चलाने की अनुशंसा भेजी जा रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी पैक्सों ने धाान खरीद की राशि का हिसाब नहीं दिया था, और उन पैक्सों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है।