विंध्य ज्योति गाजीपुर। शिव शंकर पाण्डेय
गाजीपुर। मे बोल बम और जय भोलेनाथ ,सावन के दूसरे सोमवार को गाज़ीपुर के मंदिरों में शिव भक्तों का तांता देखने को मिल रहा है। इस बार अधिक मास के कारण माह पूरे दो माह का है। सावन मास में भगवान् शिव की पूजा की जाती है तो अधिक मास में भगवान् विष्णु की पूजा की जाती है।रविवार की शाम शिव भक्तों ने गंगा में डूबकी लगायी और जल भरा, उस के बाद शिव मंदिरों के लिए निकल पड़े। शिव भक्तों का ताँता ददरी घाट मार्कण्डेय महादेव बूढ़े महादेव के गंगा घाटों पर देखने को मिला। गाज़ीपुर के ददरी घाट से शिव भक्तों ने महाहार धाम तो सैदपुर के बूढ़े महादेव से शिव भक्तो ने मार्कण्डेय महादेव के लिए रवाना हुए।मुख्यालय से 25किमी. दूर स्थित महाहर धाम के लिए कांवरियों का जत्था जिले के प्राचीन गंगा घाटों से गंगाजल लेकर रविवार की शाम को ही निकल पड़ा। महाहर धाम की मान्यता है कि इस अद्वितीय शिवलिंग की स्थापना राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए किया था।यहीं वह तालाब है जहां राजा दयारथ द्वारा श्रवण कुमार को शब्दभेदी बाण लगा था और श्रवण के माता पिता ने उन्हे श्राप दिया था। इसके बाद ब्रह्मा के आर्शीवाद से राजा दशरथ ने श्राप मुक्ति और पुत्रप्राप्ति के लिए शिवलिंग की स्थापना कर पूजन किया। पूजन के फलस्वरूप राम,लक्ष्मण,भरत और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। आज यह स्थान शिवभक्तों के लिए बेहद आस्था का केन्द्र बना हुआ है।