बलिया: बलिया के लाल हनी सोनी ने कम उम्र में वह कर दिखाया, जो हर किसी का सपना होता है. साउथ अफ्रीका के डरबन में आयोजित कॉमनवेल्थ कराटे चैंपियनशिप में उन्होंने सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. इस शानदार प्रदर्शन के बाद बलिया लौटने पर उनका भव्य स्वागत किया गया.
हनी सोनी ने कहा, “पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी अपनी किस्मत आजमानी चाहिए.” भृगु आश्रम, बलिया के निवासी हनी ने अपनी मेहनत और लगन से कराटे के क्षेत्र में बड़ा नाम कमाया है. वर्तमान में वह 11वीं कक्षा के छात्र हैं और अपनी पढ़ाई बलिया में रहकर पूरी कर रहे हैं.
गोल्ड से लेकर इंटरनेशनल मेडल तक का सफर
हनी का कराटे के प्रति जुनून बचपन से ही था. उन्होंने नेशनल से लेकर इंटरनेशनल स्तर तक कई गोल्ड मेडल अपने नाम किए हैं. दिल्ली में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में भी उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था. इस सफलता के पीछे उनके कोच का अहम योगदान रहा.
15 साल की उम्र में बड़ा सपना
हनी के पिता, जो एक छोटे दुकानदार हैं, ने कुछ महीने पहले ही उन्हें बेहतर प्रशिक्षण के लिए लखनऊ भेजा. अब उनका एक ही लक्ष्य है—ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना.
परिवार का बदला नजरिया
शुरुआत में परिवार के लोग पढ़ाई को प्राथमिकता देते थे और खेल में करियर बनाने को लेकर आशंकित थे. हालांकि, हनी की लगातार उपलब्धियों ने उनकी सोच बदल दी. उनके बड़े भाई विपिन और मोहित ने कहा, “हमारे सपने छोटे भाई ने पूरे कर दिए.”
मां-बाप ने जताई खुशी
हनी के माता-पिता, मनोज और ममता सोनी, अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर पा रहे हैं. उनकी मां ने कहा, “हमें कभी उम्मीद नहीं थी कि बेटा खेल में इतना आगे जाएगा.”
बलिया का गर्व
हनी सोनी की यह सफलता न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे बलिया के लिए गर्व की बात है. उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प आने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं.
Tags: Sports news
FIRST PUBLISHED : December 18, 2024, 15:27 IST