आयुक्त ने सभी छह जिलों में नीलाम पत्र वाद में प्रगति की समीक्षा की और इस दिशा में हो रही कार्रवाई की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि नीलाम पत्र वादों में सरकार के विभागों, बैंकों और अन्य एजेंसियों की बड़ी राशि निहित है। यह चिंताजनक है।
पटना प्रमंडल के छह जिलों में अलग-अलग विभागों के 51 अरब रुपये लोगों पर बकाया है। सबसे अधिक 14 अरब रोहतास तो दूसरे स्थान पर सात अरब रुपये पटना जिले में बकाया है। अब ऐसे लोगों से पैसों की वसूली होगी। नहीं देने पर वारंट भी जारी होगा। प्रमंडलीय आयुक्त मयंक वरवड़े ने बुधवार को पटना प्रमंडल के अधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्देश दिया। आयुक्त ने सभी छह जिलों में नीलाम पत्र वाद में प्रगति की समीक्षा की और इस दिशा में हो रही कार्रवाई की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि नीलाम पत्र वादों में सरकार के विभागों, बैंकों और अन्य एजेंसियों की बड़ी राशि निहित है। यह चिंताजनक है।
सभी डीएम को अपर समाहर्त्ता के स्तर के वरीय पदाधिकारी को अपने-अपने जिले में नीलाम पत्र वाद का वरीय नोडल पदाधिकारी या नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया। साथ ही वादों के निष्पादन की प्रगति की नियमित समीक्षा करने को कहा। आयुक्त ने पदाधिकारियों को पांच बड़े बकाएदारों तथा पांच सबसे पुराने मामलों को प्राथमिकता पर एक सप्ताह में निपटाने का निर्देश दिया। नीलाम पत्र की शक्ति प्राप्त पदाधिकारियों को सप्ताह में कम से कम दो दिन कोर्ट लगा वादों का तेजी से निपटारे को कहा।
छह जिलों में सबसे अधिक बैंकों का 37 अरब बकाया
पटना प्रमंडल के अधीन छह जिलों में सबसे अधिक बैंकों के 37 अरब रुपये बकाया हैं। अलग-अलग विभागों के भी 11 अरब रुपयों का भुगतान नहीं किया गया है। इनमें सबसे अधिक विभिन्न योजनाओं के तहत लिया गया कर्ज शामिल है। बिजली, उद्योग, पथ निर्माण और समाज कल्याण विभाग से जुड़ी राशि की भी वसूली होनी है।