वाराणसी में हुकुलगंज स्थित चंद्रा रेजिडेंसी में रहनेवाली कारोबारी परिवार की बुजुर्ग महिला को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 32.40 लाख रुपए ऐंठ लिये।
वाराणसी में हुकुलगंज स्थित चंद्रा रेजिडेंसी में रहनेवाली कारोबारी परिवार की बुजुर्ग महिला को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 32.40 लाख रुपए ऐंठ लिये। जालसाजों ने जांच अधिकारी बन गिरफ्तारी का डर दिखाया था। जांच के नाम पर रुपये ट्रांसफर करा लिये। साइबर थाना पुलिस केस दर्ज कर मामले की छानबीन में जुटी है।
भुक्तभोगी नीना कौरा के पति प्रमोद कौरा का निधन हो चुका है। पुलिस के मुताबिक प्रमोद कौरा कारोबारी थे। नीना घर पर अकेली रहती हैं। बेटा परिवार के साथ नागपुर में रहता हैं। बताया कि उन्हें व्हाट्सएप कॉल आई। फोन करने वाले ने अपना नाम सुनील कुमार बताया। खुद को अंधेरी (मुंबई) पुलिस स्टेशन का इंचार्ज बताया। कहा कि आपने कुछ फर्जी पासपोर्ट, एटीएम कार्ड और 140 ग्राम एमडीएमए (मादक पदार्थ) सिंगापुर कोरियर किया है।
जांच के लिए दो दिन के भीतर अंधेरी पुलिस स्टेशन पहुंचने को कहा। फिर अनिल यादव नामक कथित सीबीआई अधिकारी को कॉल ट्रांसफर कर बात करवाई। उसने कहा कि ये सारी बातें किसी परिचित को ना बताएं अन्यथा आपके और आपके परिवार के जान को खतरा हो सकता है।
फोन कॉल आने के बाद नीना बहुत डर गईं। जालसाजों ने लगातार व्हाट्सएप कॉल कर उन्हें कैमरे के सामने ही रहने को कहा। फिर अदालत से गिरफ्तारी रुकवाने का झांसा दिया। इसके नाम पर सम्पत्तियों का ब्योरा मांगा। बैंक खाते, मकान और गाड़ी के कागजात आदि की जानकारी ले ली। उसके बाद आईसीआईसीआई बैंक भेज कर के अपने खाते में नीना से 32 लाख 40 हजार रुपये आरटीजीएस करने को कहा।
उन्होंने किया लेकिन ट्रांजेशन फेल हो गया। इस पर साइबर ठग ने कॉल कर दूसरे खाते में पैसे भेजने को कहा। धमकाया कि अगर पैसे नहीं मिले तो अदालत से जमानत नहीं मिलेगी। भयभीत नीना दोबारा बैंक गई और फिर से आरटीजीएस करवाया।
बेटे को दी जानकारी तो ठगी का पता चला
पैसे मिलने के बाद ठगों ने कहा कि वे अदालत जा रहे हैं। जमानत के कागज बनवा रहे हैं। जमानत होने के 24 घंटे के भीतर पैसे वापस आ जाएंगे। इस दौरान वे लगातार सम्पर्क में बने रहे और नीना से कहा कि वे उन्हें रिपोर्ट करती रहें। 24 घंटे बाद गिरफ्तारी का आदेश, आईडी कार्ड आदि जो भेजे थे, सब डिलीट कर दिया और अपना नंबर बन्द कर दिया। तब नीना ने नागपुर में रहने वाले बेटे को सूचना दी। तब जाकर धोखाधड़ी की जानकारी हुई।
बनारस में आठ माह में चौथा डिजिटल अरेस्ट
नीना कौरा को डिजिटल अरेस्ट कर 32.40 लाख रुपये ठगी का मामला बीते आठ माह के अंदर वाराणसी में चौथी घटना है। मार्च में रिटायर शिक्षिका रथयात्रा निवासी शम्पा रक्षित से साइबर ठगों ने 3.55 करोड़ की ठगी की थी।
इसी तरह बीते जुलाई में मंडुवाडीह के मड़ौली निवासी अमिताभ श्रीमनी को थाईलैंड में भेजे गये कूरियर में मादक पदार्थ होने और गिरफ्तारी का डर दिखाकर डिजिटली अरेस्ट कर लिया था। उनसे 40 लाख रुपये ऐंठ लिए। जुलाई में ही सोनारपुरा निवासी निहार पुरोहित को तीन दिन तक डिजिटली अरेस्ट कर उनके खाते से 28.75 लाख रुपये की निकासी कर ली।
कहा गया कि आपके आधार से एक सिम लिया गया है, जिसके जरिए अश्लील मैसेज भेजने की शिकायत मुम्बई के फोर्ट पुलिस स्टेशन में दर्ज है। फिर निहार की दूसरे नंबर पर बात कराई गई। बात करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस से बताया। जांच के नाम मोबाइल और लैपटाप पर स्काइप एप डाउनलोड कराकर वीडियो कॉलिंग की।
कहा कि आपके नाम से कैनरा बैंक में खाता खुला है, जिसमें 19 करोड़ रुपये हैं। इसमें 37 करोड़ की जमा- निकासी हुई है। गिरफ्तारी वारंट जारी होने की बात कही। अंतिम बार एक व्यक्ति को सीबीआई का अधिकारी बताकर वीडियो कॉल पर बात कराई गई। फिर बैंक खाता को आरबीओई से सत्यापित कराने के नाम पर रुपयों की निकासी कर ली गई।