वाराणसी में आयोजित संगोष्ठी में प्रो. सुनील कुमार विश्वकर्मा ने रानी लक्ष्मीबाई के जीवन की गाथा को जीवंत किया। उन्होंने कहा कि लक्ष्मीबाई ने स्वराज के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। संगोष्ठी में 50 शोध…
वाराणसी, संवाददाता। रानी लक्ष्मीबाई ने केवल स्वराज की अलख जगाई बल्कि अपने प्राणों की आहूति भी दी। लक्ष्मीबाई भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अमर हो गईं। ये बातें बुधवार को आर्य महिला पीजी कॉलेज के इतिहास विभाग में आयोजित संगोष्ठी में काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग के अध्यक्ष प्रो. सुनील कुमार विश्वकर्मा ने कही। इस दौरान उन्होंने लाइव चित्र बनाकर रानी लक्ष्मीबाई के जीवन गाथा को जीवंत किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे संविवि के प्रो. रजनीश कुमार शुक्ला ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई ने जिन विकट परिस्थितियों में विविध कलाओं का प्रशिक्षण लिया, यह हमारी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है। संगोष्ठी के दूसरे दिन आयोजित तीन तकनीकी सत्रों में कुल 50 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इस दौरान प्रो.संजीव कुमार, डॉ. रामजी द्विवेदी, डॉ. श्रेया पाठक, डॉ. दिप्ती अग्रवाल, प्रो. विश्वनाथ मिश्रा, डॉ. आसंग पाओ, डॉ. अनामिका दिक्षित, डॉ. जया राय आदि मौजूद रहे।