भारतीय सेना की गुप्त सूचना पाकिस्तान के साथ साझा करने के आरोप में मोहम्मद राशिद और राजक भाई कुम्भर को दोषी ठहराया गया है। एनआइए कोर्ट ने राशिद को सजा सुनाई, जिसने आईएसआई के संपर्क में रहकर संवेदनशील…
भारतीय सेना की गुप्त सूचना पाकिस्तान के साथ साझा करके देश और सेना की आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डालने के मुख्य आरोपित मोहम्मद राशिद के साथ साजिश रचने के आरोपित राजक भाई कुम्भर को एनआइए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने दोषी ठहराते हुए छह साल की कैद की सजा सुनाई है। एनआईए के अधिवक्ता एमके सिंह ने बताया कि मामले की रिपोर्ट एटीएस के दरोगा रितेश कुमार सिंह ने दर्ज कराई थी। उसमें कहा गया था कि कई दिनों से जानकारी मिल रही थी कि उत्तर प्रदेश का एक व्यक्ति मोबाइल के जरिए पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के संपर्क में रहकर संवेदनशील और सामरिक महत्व के क्षेत्रों की फोटो, आर्मी मूवमेंट और अधिकारियों की फोटो भेज रहा है। इस सूचना की जांच में पता चला कि चंदौली निवासी मोहम्मद राशिद आईएसआई एजेंट के संपर्क में है और उसकी पाकिस्तान में रिश्तेदारी है। पाकिस्तान के कई लोगों के संपर्क में रहकर उन्हें फोटो भेजता है। बताया गया कि राशिद के फोन को खंगाला गया तो उसमें पाकिस्तानी नंबर, सामरिक रूप से महत्वपूर्ण फोटो, और पाकिस्तानी लोगों से बातचीत की ऑडियो क्लिप मिली। बाद में मामले की विवेचना एटीएस से लेकर एनआईए को सौप दी गई थी। एनआईए को विवेचना के दौरान पता चला की आरोपी राशिद के साथ इस साजिश में गुजरात का रजकभाई कुम्भर भी शामिल था। एनआईए ने 16 जुलाई 2020 को आरोपी राशिद के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने गत छह मार्च को आरोपित राशिद को सजा और जुर्माने से दंडित किया था। एनआईए ने रजक भाई कुम्भरके खिलाफ साजिश रचने के मामले में फरवरी 2021 में पूरक चार्जशीट दाखिल की। इस पर आरोपित के जुर्म इकबाल करने के बाद सजा सुनाई गई।