सजा के बिंदू पर आज होगी सुनवाई हत्या कर शव को पोखर में डालने वाले दो सगे भाईयों को एडीजे एफटीसी द्वितीय सुशील कुमार पंचम की अदालत ने दोषी करार दिया है।
हत्या कर शव को पोखर में डालने वाले दो सगे भाईयों को एडीजे एफटीसी द्वितीय सुशील कुमार पंचम की अदालत ने दोषी करार दिया है। सजा के बिंदु पर गुरुवार (आज) अदालत में सुनवाई होगी। एक भाई गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में निरूद्ध है। शासन की ओर से मुकदमे की पैरवी सहायक शासकीय अधिवक्ता सुभाष चंद चतुर्वेदी द्वारा की गई। शेरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम अगरयाला में रहने वाला विष्णु पुत्र बलवीर सिंह 28 फरवरी 2020 को अचानक गायब हो गया था। जिसकी गुमशुदगी उसके भाई दीपू ने शेरगढ़ थाने में दर्ज कराई थी। विष्णु को अंतिम बार शाम सात बजे गांव के ही रहने वाले वीरेन्द्र व पप्पी पुत्रगण राजपाल व गल्लो उर्फ डालचंद पुत्र गूंगा के साथ देखे जाने की बात परिजनों को पता चली। इस पर पुलिस ने वीरेन्द्र, पप्पी व गल्लो उर्फ डालचंद को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की। पुलिस की सख्ती के आगे वीरेन्द्र टूट गया और उसने विष्णु की हत्या कर शव को बोरे में बंद कर गांव के निकट पोखर में फेंकने की बात स्वीकार की। पुलिस ने वीरेन्द्र की निशानदेही पर पोखर से विष्णु की सड़ी गली लाश मार्च 2020 में बरामद की थी। पुलिस ने तीनों नामजदों को गिरफ्तार कर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज उनके खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया था। पप्पी व गल्लो को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। वीरेन्द्र गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में चला आ रहा था। मुकदमे की सुनवाई एडीजे एफटीसी द्वितीय सुशील कुमार पंचम की अदालत में हुई। एडीजीसी सुभाष चंद चतुर्वेदी ने बताया कि अदालत ने वीरेन्द्र व पप्पी को विष्णु की हत्या कर शव छिपाने का दोषी करार दिया है। अदालत ने साक्ष्य के अभाव में गल्लो को बरी कर दिया है। सजा के बिन्दु पर गुरुवार को अदालत में सुनवाई होगी। दोषी ठहराए जाने के बाद अदालत ने पप्पी को जेल भेज दिया है।