स्वयंसेवक संघ विजयादशमी पर स्थापना के शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है। 25-26 अक्तूबर को होने वाली बैठक का एजेंडा तय किया गया है। इसमें बच्चों पर इंटरनेट का प्रभाव नियंत्रित करने की रूपरेखा बनेगी। पांच परिवर्तनों के साथ सामाजिक कुरीतियों को दूर करने की भी योजना बनेगी।
स्थापना के शताब्दी वर्ष में प्रवेश के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सामाजिक कुरीतियों और नौनिहालों पर इंटरनेट के दुष्प्रभाव को दूर करने को अपने एजेंडे में रखा है। इसके साथ ही पंच परिवर्तनों के साथ कार्य विस्तार की योजना भी तय होगी। इसकी रूपरेखा पर आगामी 25 और 26 अक्तूबर को हो रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विचार किया जाएगा। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख आंबेकर ने बुधवार को दी। उन्होंने मथुरा के परखम में एक प्रेस वार्ता में बताया कि संघ 2025 में अपने शताब्दी वर्ष से पहले संगठन के विस्तार की योजना पर भी चर्चा करेगा।
उन्होंने कहा कि विजयादशमी के संबोधन के दौरान सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा समाज की एकता और भ्रम को रोकने सहित जिन विषयों का उल्लेख किया गया था, उन पर चर्चा की जाएगी। समाज को एकजुट रखने और किसी भी तरह के भ्रम में पड़ने से बचने के लिए आवश्यक प्रयासों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भागवत ने यह विषय भी उठाया था कि किस प्रकार बच्चों को सोशल मीडिया के जरिए भ्रमित किया जा रहा है।
आंबेकर ने कहा कि संघ प्रमुख ने ऐसी सामग्री के विपरीत परिणामों की भी चेतावनी दी थी तथा इस पर सरकार द्वारा नियंत्रण की आवश्यकता की जरूरत बताई थी। आंबेकर ने कहा कि बैठक के दौरान शांति, सद्भाव और सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा देने पर भी चर्चा होगी तथा इस दिशा में जारी प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।
जमीनी स्तर पर आरएसएस का विस्तार कैसे जारी रखा जाए, इस पर चर्चा होगी। प्रचार प्रमुख ने विशिष्ट जनों, महर्षि दयानन्द सरस्वती, भगवान बिरसा मुंडा, अहिल्या बाई होल्कर, रानी दुर्गावती व झारखंड के देवघर में सत्संग संचालक संत अनुकूल चंद्र ठाकुर के कार्यों का उल्लेख करते हुए उन लोगों की जयंती मनाने के बारे में भी रूपरेखा तय किए जाने की बात कही।
आंबेकर ने कहा, ‘विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उनके विचारों और शिक्षाओं को समाज के साथ साझा किया जाएगा।’ बताया कि बैठक में सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और सभी सह सरकार्यवाह समेत कुल 46 प्रांतों के 393 सदस्य भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि सभी अपने-अपने प्रांतों में पूरे वर्ष किए गए कार्यों को साझा करेंगे और विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। वे आगामी वर्ष के लिए लक्ष्य और योजनाओं की रूपरेखा भी तैयार करेंगे और इन मामलों पर मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे।