प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को आर जे शंकरा आई हॉस्पिटल की सौगात दी। कहा कि इस हॉस्पिटल के खुलने से हजारों युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। यह नेत्र अस्पताल यहां के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर लेकर आया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को आर जे शंकरा आई हॉस्पिटल की सौगात दी। उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस हॉस्पिटल के खुलने से हजारों युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। यह नेत्र अस्पताल यहां के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर लेकर आया है। यहां मेडिकल के छात्रों को इंटर्नशिप और प्रैक्टिस करने का मौका तो मिलेगा ही इसके साथ ही सपोर्ट स्टाफ के रूम में भी लोगों को काम मिलेगा।
पीएम मोदी ने हर हर महादेव से अपने संबोधन की शुरुआत की। सबसे पहले कांची के शंकराचार्य का आशीर्वाद लिया। कहा कि काशी आना अपने आप में पुण्य की अनुभूति होता है। यहां संत जनों और सन्यासियों का साथ मिल रहा है। इससे सुखद क्या हो सकता है। शंकराचार्य के आशीर्वाद से ही काशी औऱ पूर्वांचल को एक और आधुनिक अस्पताल मिला है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है तमसो मा ज्योर्तिमय यानी अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। यह अस्पताल लोगों के जीवन से अंधकार दूर करेगा। उन्हें प्रकाश की ओर ले जाएगा। यहां बहुत बड़ी संख्या में गरीबों को मुफ्त इलाज मिलने वाला है। इस हॉस्पिटल के नेक काम से जुड़ने का इससे पहले भी अवसर मिला है। गुजरात में जब मुख्यमंत्री था तब भी वहां शंकरा जे हॉस्पिटल खुला है। तब शंकराचार्य जी के गुरुजी के सानिध्य में काम का अवसर मिला था।
मेडिकल हब बन रहा वाराणसी
पीएम मोदी ने कहा कि वाराणसी मेडिकल हब के रूप में उभर रहा है। बीएचयू में ट्रामा सेंटर, सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल, दीनदयाल अस्पताल, कबीरचौरा में सुविधाएं बढ़ाना हो, अनेक कार्य काशी में एक दशक में हुए हैं। बनारस में कैंसर के अस्पताल के लिए भी आधुनिक अस्पताल हैं। पहले इलाज के लिए मुंबई दिल्ली जाना होता था। अब यहीं पर इलाज हो जा रहा है। झारखंड बिहार से भी लोग यहां इलाज के लिए आ रहे हैं। काशी नवजीवन दायिनी भी बन रही है।
हेल्थ केयर के प्रति सोच बदली है
पीएम मोदी ने कहा कि दस साल पहले दिमाग बुखार के लिए ब्लॉक स्तर पर उपचार के केंद्र तक नहीं थे। पहले की सरकार कुछ नहीं करती थीं। बीते दशक में काशी ही नहीं पूर्वांचल में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ है। दस सालों में दस हजार से ज्यादा नए बेड जोड़े गए हैं। पांच हजार आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए गए हैं। आज बीस से ज्यादा डायलसिस की सुविधा मिल रही है। हेल्थ केयर के प्रति पुरानी सोच को बदल दिया है।