कंबोडिया में नौकरी के नाम पर झांसा देकर ठगी का मामला सामने आया है। सितम्बर तक देश के 77 लोगों को साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाते हुए कंबोडिया भेज दिया। इसमें 20 लोग झारखंड के हैं। इस मामले में भारतीय दूतावास को विशेष सुराग मिलने के बाद सितंबर में 67 लोगों को बचाया गया। एक साल में साइबर अपराधियों ने 770 लोगों को शिकार बनाया, जिन्हें कंबोडिया स्थित नोम पेन्ह स्थित भारतीय दूतावास ने वापस भारत भेजा है।
गृह मंत्रालय ने जारी किया अलर्ट
इसको लेकर गृह मंत्रालय ने आमलोगों के नाम एक अलर्ट जारी किया है, जिसे झारखंड पुलिस के पास भी भेजा गया है। झारखंड पुलिस ने इसे राज्य के हर जिले की पुलिस को भेजकर इस तरह के एजेंटों का पता लगाकर उनपर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। अलर्ट में बताया गया कि भारतीय दूतावास नोम पेन्ह, फर्जी एजेंटों के माध्यम से प्राप्त धोखाधड़ी वाली नौकरी की पेशकश में फंसे भारतीय नागरिकों को बचाने और वापस लाने में सक्रिय रूप से लगा हुआ है। 22 सितंबर को दूतावास द्वारा विशेष सुराग के बाद कंबोडियाई पुलिस ने पोइपेट से 67 भारतीय नागरिकों को बचाया।
दूतावास के अधिकारियों की एक टीम वर्तमान में उन्हें भारत लाने की प्रक्रिया की देखरेख कर रही है। 15 नागरिक 30 सितंबर को भारत के लिए रवाना किए गए, जबकि 24 को 1 अक्तबूर को रवाना किया गया। शेष 28 कुछ दिन में भारत पहुंचेंगे। भारतीय दूतावास स्थिति पर लगातार नज़र रख रहा है और साइबर अपराध में फंसे नागरिकों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है।
लोगों की दी गई सलाह
इस बीच भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे संदिग्ध एजेंट और सोशल मीडिया विज्ञापनों के माध्यम से कंबोडिया और अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में नौकरी के अवसर लेने में अत्यधिक सावधानी बरतें। भारतीय नागरिक जो वर्तमान में ऐसी गतिविधियों में फंसे हैं और भारत लौटना चाहते हैं, उनके बारे में उनके रिश्तेदार भारत में हैं तो वे आपातकालीन संपर्क नंबर +85592881676 और ईमेल cons.phnompenh@mea.gov.in और visa.phnompenh@mea.gov.in और कम्बोडियाई हॉटलाइन नंबर +85592686969 के माध्यम से भारतीय दूतावास से संपर्क कर सकते हैं।