यूपी में होने वाली उपचुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती को बड़ा झटका लगा है। अलीगढ़ से बसपा की प्रत्याशी रहीं डॉ चारू केन ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
यूपी में होने वाली उपचुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती को बड़ा झटका लगा है। अलीगढ़ से बसपा की प्रत्याशी रहीं डॉ चारू केन ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने चारू केन को पार्टी की सदस्यता दिलाई। चारू केन 2022 में अलीगढ़ की खैर सीट से बसपा की प्रत्याशी थीं और यहां उपविजेता रहीं थीं। चारू को 66 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। चारू के कांग्रेस में शामिल होने से न सिर्फ बसपा का झटका लगा है बल्कि सपा में भी हलचल बढ़ गई है। अभी सपा-कांग्रेस में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। ऐसे में सपा से तैयारी कर रहे नेताओं में खलबली भी मची है।
कहा जा रहा है कि चारु केन खैर के लिए मजबूत उम्मीदवार हो सकती हैं। चारू जाटव समाज से आती हैं। इनकी शादी बाहुबली जाट नेता तेजवीर सिंह गुड्डू के बेटे कार्तिक से हुई है। इनके परिवार में कई जिला पंचायत सदस्य हैं। कांग्रेस में शाामिल होने के बाद चारू केन ने कहा क राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के महिलाओं से जुड़े अभियान से प्रभावित होकर पार्टी से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं, जो शर्म और चिंता की बात है। महिलाओं को काम के हिसाब से समान वेतन भी नहीं मिल रहा। कांग्रेस ही महिलाओं की सच्ची हितैषी है।
मायावती के लिए यह बड़ा झटका इसलिए भी है कि अभी तक बसपा उपचुनावों से दूरी बनाकर रखती रही है लेकिन इस बार पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने का ऐलान कर रखा है। कई सीटों पर प्रत्याशियों का चयन भी हो चुका है। मायावती खुद और उनके भतीजे आकाश आनंद खुद उपचुनाव में सफलता केे लिए लगातार लगे हुए हैं।
यूपी में 2007 के बाद से ही यूपी में बसपा की स्थिति लगातार खराब हो रही है। 2012, 2017 के विधानसभा चुनाव हारने के बाद 2022 में तो बसपा एक सीट पर सिमट गई। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में उसका सफाया हो गया है। जबकि भाजपा के खिलाफ सपा की स्थिति लगातार सुधर रही है। लोकसभा चुनाव में तो सपा-कांग्रेस गठबंधन ने भाजपा को करारी चोट दी है।