यूपी पुलिस में सिपाही भर्ती के लिए हुई परीक्षा में यूपी और बिहार के सबसे ज्यादा संदिग्ध अभ्यर्थी मिले। भर्ती बोर्ड और पुलिस की जांच में अब तक यही सामने आया है। जांच अभी चल रही है। इस परीक्षा के शुरू होने से पहले ही 20 हजार संदिग्ध अभ्यर्थी चिन्हित कर लिए गए थे। जांच में संदिग्ध मिलने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जा रही है। अधिकतर अभ्यर्थियों ने फर्जी आधार कार्ड लगाये और उम्र कम करने के लिये फर्जी दस्तावेजों से हाईस्कूल-इंटर परीक्षा दोबारा देकर प्रमाण पत्र हासिल किया। इन प्रमाण पत्रों को इस साल हुई परीक्षा में लगाया गया।
बोर्ड की टीम इस बिन्दु पर जांच कर रही है कि 20 हजार अभ्यर्थी संदिग्ध पाए गए थे पर परीक्षा केन्द्रों पर हुई जांच में सिर्फ 463 अभ्यर्थी ही संदिग्ध मिले। शेष अभ्यर्थियों के बारे में अलग-अलग परीक्षा केन्द्रों से आए डाटा से मिलान किया जा रहा है कि ये लोग परीक्षा देने नहीं आए या जांच में पकड़ में नहीं आ सके। फरवरी में पर्चा लीक होने पर सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द कर पिछले महीने करायी गई थी। इस बार पर्चा तो नहीं लीक हुआ लेकिन अभ्यर्थियों ने दूसरे तरीके से सेंधमारी की कोशिश की। पर, भर्ती बोर्ड और पुलिस की सक्रियता से ये लोग अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके।
केन्द्रों से आए डाटा खंगाले जा रहे
यूपी के 67 जिलों में बने 1174 परीक्षा केन्द्रों से सारे डाटा भर्ती बोर्ड को पहुंचा दिए गए हैं। इन डाटा के आधार पर ही मिलान कर संदिग्ध अभ्यर्थियों के बारे में पड़ताल की जा रही है। पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्ण का कहना है कि संदिग्ध अभ्यर्थियों के मामले में अभी जांच चल रही है। डाटा का मिलान किया जा रहा है। जांच पूरी होने पर दोषी पाये जाने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
फैक्ट फाइल
-23 अगस्त से शुरू हुई थी सिपाही भर्ती परीक्षा
-पांच दिन हुई थी परीक्षा, 80 अभ्यर्थी हुए थे गिरफ्तार
-48 लाख अभ्यर्थियों ने किया था आवेदन, इसमें 27 प्रदेश और आठ केन्द्र शासित प्रदेशों के अभ्यर्थी थे
-परीक्षा शुरू होने से पहले 20 हजार संदिग्ध अभ्यर्थी चिन्हित हुए थे