देवरिया, हिन्दुस्तान टीम। कलेक्ट्रेट कक्ष में जिलाधिकारी दिव्या मित्तल की अध्यक्षता में बाल कल्याण समिति की समीक्षा बैठक हुई। लम्बित प्रकरण हेतु जिलाधिकारी ने लम्बित प्रकरणों का परीक्षण कर पूर्ण विवरण के साथ पुनः पत्रावली प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
जिला परिवीक्षा अधिकारी अनिल कुमार सोनकर ने एजेण्डावार समीक्षा में बताया कि कि बाल कल्याण समिति का कार्यालय राजकीय बाल गृह (बालक) शहर में संचालित है। बाल कल्याण समिति के द्वारा किशोर न्याय (बालकों के देख-रेख एवं संरक्षण) अधिनियम-2015 एवं नियम 16 के निहित प्रावधानों के अन्तर्गत देख-रेख एवं संरक्षण वाले बालक/बालिकाओं के सर्वोत्तम हित हेतु कार्य किये जाने का प्राविधान है। बैठक में अप्रैल से अगस्त तक के बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किये गये बच्चों की संख्या में बताया गया कि कुल 262 बच्चे बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत हुये एवं 256 बच्चों के प्रकरण को निस्तारित कर उनके परिवार में पुर्नवासित कराया गया। अवशेष 6 बच्चों में से 3 बालिका राजकीय बाल गृह (बालिका) बलिया, 2 बालक राजकीय बाल गृह (बालक) देवरिया एवं 1 शिशु एशियन सहयोगी संस्थान गोरखपुर में आवासित कराया गया है। समीक्षा बैठक के उपरान्त जिलाधिकारी ने राजकीय बाल गृह (बालक) मे संचालित बाल कल्याण समिति केे कार्यालय का भी निरीक्षण किया गया।
तथा बाल कल्याण समिति को जेजे एक्ट के प्राविधानों के अन्तर्गत बच्चों के हित में कार्य करने के निर्देश दिये गये।बैठक में जय प्रकाश तिवारी संरक्षण अधिकारी जिला बाल संरक्षण इकाई, सावित्री राय, अध्यक्ष, डा. विरेन्द्र मणि त्रिपाठी, मंत्री सिंह, सुबाष पाण्डेय, विवेकानन्द उपस्थित रहे।