संवाददाता। मिथिलेश कुमार भारद्वाज।
डाला सोनभद्र। स्थानीय नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित डाला से ओबरा को जोड़ने वाली संपर्क मार्ग सड़क को लेकर लोक निर्माण विभाग एव अल्ट्राटेक प्रा. लि. के बीच स्वामित्व हेतु गुत्थी उलझीं , गढ्ढे में तब्दील सड़क पर राहगीरों समेत स्थानीय रहवासियों को बड़ी परेशानियां का सामना करने को मजबूर हैं जहां जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत के बाद विभाग द्वारा निस्तारण हेतु जारी रिपोर्ट आने के बाद नगर समेत आसपास क्षेत्रों में बना चर्चा का विषय क्षेत्र में फैल रहा तरह तरह की चर्चाएं प्राप्त जानकारी अनुसार मां वैष्णो मंदिर डाला बारी के पास स्थित रेलवे पुलिया में किसी कारण वंश दरार आ जाने के बाद सड़क निर्माण कंपनी द्वारा रेलवे पुल मरम्मत हेतु बंद करते हुए डाला से ओबरा संपर्क मार्ग पर डायवर्जन कर दिया गया जो लगभग नौ महिने तक चालू रहा जिसके बाद सड़क की हालत बेहद खराब हो गया जिस पर लोगों का चलना दुश्वार हो गया है बरसात के मौसम में सड़क के गढ्ढों में जलजमाव होने से सड़क का पता ही नहीं चलता जिसके कारण कई राहगीर गिर कर घायल भी हो चुके जहां कई बार विरोध के माध्यम से विभाग समेत उच्च अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करवाया गया था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है वहीं इस संबंध में भाजपा नेता मनीष तिवारी ने लोक निर्माण विभाग द्वारा जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत के बाद जारी रिपोर्ट की फोटो कापी देते हुए बताया कि डाला से ओबरा संपर्क मार्ग कई महीनों से खराब होकर गढ्ढा में तब्दील हो गया है किसी भी आधिकारी या जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं है ना इसको कोई सुनने को तैयार है जिसको लेकर मैंने 21/08/2024 को पीडब्ल्यूडी विभाग को जन सुनवाई पोर्टल के मध्यम से शिकायत किया गया,जिसमे मैंने सड़क मरम्मत ना होने से हो रही परेशानियों से अवगत कराते हुए पुनः सड़क मरम्मत की मांग किया।जिसमे जवाब आया कि ये क्षतिग्रस्त सड़क मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर है उक्त सड़क अल्ट्राटेक प्रा लि कंपनी का स्वामित्व है इसलिए इस सड़क का कार्य पीडब्ल्यूडी नहीं करा सकती,यह रिपोर्ट लगाकर विभाग अपनी कलम बचा लिया वहीं श्री तिवारी ने जानकारी दी उक्त संबंध में विभाग के जेई जितेंद्र सिंह का यह कहना था कि दावा झूठा है लेकिन वही कंपनी का दावा है कि जब अल्ट्राटेक का ही स्वामित्व है तो फिर डायवर्जन के लिए अल्ट्राटेक से परमिशन क्यों नही लिया गया।या कोई पत्र हो जिसमे लिखा हो कि कंपनी ने सड़क बनाने को मना किया है। जिसको लेकर कंपनी से बात करने पे पता चला कि कंपनी की ऐसी कोई मंशा नहीं है।जिसमे उन्होंने बताया कि कंपनी ने जिलाधिकारी पीडब्ल्यूडी,और UPSHA को पत्र लिखकर सड़क निर्माण की मांग की है,जिसका जवाब अभी तक नही मिला है।कंपनी का कहना है कि पीडब्ल्यूडी का जेई गुमराह कर रहा है। जबकि सड़क पे मेरे स्वामित्व का कोई दावा नहीं किया गया है पीडब्ल्यूडी जब चाहे सड़क को बना सकती है। वहीं क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है कि जब पीडब्ल्यूडी विभाग और अल्ट्राटेक प्रा.लि. दोनों में सड़क मरम्मत लेकर गुत्थी उलझीं हुई है तो सड़क मरम्मत का क्या होगा, और कौन जनहित को लेकर आगे हाथ बढ़ायेगा।