वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। अगर आप सोशल मीडिय पर नौकरी, रोजगार या फिर सरकारी योजनाओं के संबंध में प्रदर्शित किसी भी विज्ञापन या वेबसाइट पर जाते हैं तो सावधानी बरतें। ये फेक (जाली) वेबसाइट साइबर ठगों की ओर से तैयार हो सकते हैं। इसमें फार्म भरने के नाम पर जो जानकारी फीड की जाती है, वह सीधे साइबर ठगों को मिलती है।
सोशल मीडिया, खासतौर से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर नौकरी, रोजगार तथा अन्य सरकारी योजनाओं में लाभ पाने के लिए विभिन्न वेबसाइट, रील और विज्ञापनों की भरमार है। आयु वर्ग के हिसाब से साइबर जालसाज उस समूह के सोशल साइट्स पर नौकरी, आवास और विभिन्न योजनाओं से संबंधित विज्ञापन लगातार भेजते हैं। इसके लिए वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल करते हैं। झांसे में आकर लोग अपनी निजी जानकारी दे देते हैं। यहां से सूचनाएं जुटाकर साइबर ठग लोगों को शिकार बनाते हैं।
जानकारी में परिवार का विवरण भी पूछ रहे
आवास, सरकारी राशन कार्ड वाले विज्ञापनों में निजी जानकारियों के तौर पर न केवल व्यक्तिगत बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में भी पूछते हैं। परिवार के सदस्यों की जानकारी मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तारी का भय दिखाकर मोटी रकम ऐंठ लेते हैं।
इस तरह के लुभावने विज्ञापन
आंगनबाड़ी में 8वीं, 10वीं और 12वीं पास के लिए बिना किसी साक्षात्कार के सीधी भर्ती का विज्ञापन है। आंगनबाड़ी में ही एक अन्य विज्ञापन में 5वीं पास के लिए 18 हजार रुपये प्रति माह से लेकर सुपरवाइजर के लिए 12वीं पास लोगों के लिए 55 हजार रुपये वेतन दिया जा रहा है। एक परिवार एक नौकरी योजना में अनपढ़ों के लिए 18 हजार, आठवीं पास के लिए 28 हजार और 10वीं पास के लिए 38 हजार रुपये प्रति माह के वेतन पर भर्ती जैसे विज्ञापन सोशल मीडिया पर वायरल हैं। डाक विभाग में पांचवीं पास के लिए 26 हजार रुपये प्रति माह के वेतन से लेकर आठवीं पास डाकिया के लिए 36 हजार रुपये प्रति माह के वेतन हैं। ये मैसेंजर पर लोगों को व्यक्तिगत रूप से भी ऐसे लुभावने संदेश भेजा जा रहे हैं।
बचाव के लिए सही वेबसाइट चुनें
एडीसीपी क्राइम सरवणन टी. ने बताया कि फर्जी वेबसाइटों से सतर्कता से बचा जा सकता है। लुभावने विज्ञापनों और मैसेजों की बिना जांच कोई भी जानकारी साझा न करें। इन विभागों के अधिकृत वेबसाइट पर चेक करें। संभव हो तो संबंधित विभाग के दफ्तर में जाकर पता करें।