बक्सर जिले के एक नर्सिंग होम में गलत ऑपरेशन के कारण पहले नवजात बच्ची की मौत हुई। फिर मंगलवार को प्रसूता ने दम तोड़ दिया। मौत से आहत परिजन शव के साथ डुमरांव थाना पहुंचे और कार्रवाई की गुहार लगाई। यूपी के बलिया थाना क्षेत्र के माझापुर गांव निवासी मंटू पासवान की 21 वर्षीय पत्नी प्रीति कुमारी गर्भवती थी। वह अपने मायका सिमरी थाना क्षेत्र के मझवारी गांव आई थी।
परिजनों ने बताया कि प्रसव के लिए उसे डुमरांव के स्टेशन रोड स्थित जीवन ज्योति नर्सिंग होम में दाखिल कराया गया था। परिजनों ने बताया कि जीवन ज्योति के कथित चिकित्सक ने ऑपरेशन करने की बात कही। युवती के पति ने बताया कि पिछले 22 अगस्त को यहां प्रीति का ऑपरेशन हुआ। लेकिन नवजात की जान नहीं बचाई जा सकी। बता दें कि डुमरांव में आज भी आधा दर्जन से अधिक ऐसे फर्जी नर्सिंग होम चल रहे है। जहां ग्रामीण इलाके के मरीजों को फंसाकर लाया जाता है। फिर नर्सिंग होम के प्रबंधक जमकर आर्थिक दोहन करते है।
युवती को बक्सर एडमिट करा फरार हुआ संचालक
प्रसूता के हालत में सुधार नहीं होने पर जीवन ज्योति के संचालक ने प्रीति को बक्सर ग्लोबल अस्पताल में दाखिल करा दिया। फिर डुमरांव स्थित नर्सिंग होम में ताला बंद फरार हो गया। हालत में सुधार नहीं होने पर ग्लोबल अस्पताल ने प्रसूता को सदर अस्पताल रेफर कर दिया। सदर अस्पताल से युवती को पीएचसीएच रेफर कर दिया। प्रसूता युवती की मंगलवार की जीवन लीला समाप्त हो गई।
परिजनों का आरोप है कि गलत ऑपरेशन के कारण जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हुई है। इसकी पुष्टि करते हुए डुमरांव थानाध्यक्ष शंभू भगत ने बताया कि प्रसूता के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए बक्सर भेज दिया गया है। परिजनों के आवेदन पर नर्सिंग होम के संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई चल रही है।
डुमरांव व आसपास के इलाके में डॉक्टरों का नाम बोर्ड लगाकर नर्सिंग होम चलाने वालों की भरमार हो गई है। ऐसे नर्सिंग होम में आये दिन इस तरह की घटनाएं होती है। शहर के चाणक्य कॉलोनी में कुछ दिन पूर्व भी इस तरह की घटना हुई थी। घटना के बाद संचालक ताला बंद कर फरार हो गये। कुछ ऐसे भी मामले सामने आये है जहां डॉक्टर का बोर्ड लगा हुआ है। परंतु उस डॉक्टर को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि वहां पर उनके नाम का बोर्ड लगा हुआ है। शहर के हर गली में नर्सिंग होम खुले पड़े है। उनमें आपरेशन से डिलवरी के अलावा अन्य कोई इलाज नहीं होता है।