कुछ वक्त पहले तक चुनावी रणनीतिकार की भूमिका में रहे प्रशांत किशोर की राजनीति में एंट्री ने बिहार में हलचल पैदा कर दी है। ऐसी उम्मीद है कि राज्य की चार विधानसभा सीटों पर जल्द ही उपचुनाव हो सकते हैं। हालांकि, अभी चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन सभी राजनीतिक दल इन सीटों पर चुनाव को लेकर अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं। इस बीच अब जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी इन चारों सीटों के लिए अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला कर लिया है।
पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर पिछले दो सालों से पदयात्रा पर है। 2 अक्टूबर को प्रशांत किशोर आधिकारिक रूप से अपनी पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। सोमवार को आरा में पीके ने कहा, ‘अगर हम सभी चार सीटें जीतते हैं तो 2025 में आने वाले चुनाव परिणाम साल 2024 में खुद-ब-खुद तय हो जाएंगे। इसकी के साथ प्रशांत किशोर ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और जेजीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार की आलोचना भी की। पीके ने कहा कि लालू के शासन काल में संगठित अपराध का जंगल राज था और नीतीश के शासन में ब्यूरोक्रेट्स का जंगल राज है।
बता दें कि RJD प्रशांत किशोर को बीजेपी की ‘बी’ टीम कहती आई है। राजद नेता 10 सितंबर से बिहार में आभार यात्रा की शुरुआत करने वाले हैं। राजद की तरफ से सवाल उठाते हुए कहा गया कि आखिर लोग पीके पर भरोसा क्यों करेंगे? उन्होंने बिहार के लिए कुछ नहीं किया।
हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने पार्टी नेता तेजस्वी यादव को लेकर दिए गए बयान के लिए चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर निशाना साधा था और मॉब लिंचिंग तथा बुलडोजर जैसे मुद्दों को लेकर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाया था। दरअसल प्रशांत किशोर ने भोजपुर में कहा था, ‘एक नौवीं फेल बिहार का विकास कर रहा है।’ इसपर राजद नेता ने कहा, ‘प्रशांत किशोर कहते हैं कि तेजस्वी जी का कोई महत्व नहीं है, लेकिन जब वह दो घंटे तक बोलते हैं तो उसमें से एक घंटा 54 मिनट तेजस्वी जी के बारे में बोलते हैं।’
इधर बीजेपी ने सदस्यता अभियान चला रखी है। जेडीयू के नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि पीके के लिए एक बड़ी चुनौती यह है कि वो बिहार में खुद को एक राजनीतिक चेहरा साबित करें। प्रशांत किशोर ने हाल ही में 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुसलमानों को टिकट दिए जाने को लेकर कहा था कि वो 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में कम से कम मुस्लिम समुदाय के 40 लोगों को टिकट देंगे और इस समुदाय को संगठन में भी उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।