संवाददाता – रविंद्र सिंह
राजगढ़/मिर्जापुर। क्षेत्र में बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित दया चाइल्ड केयर हॉस्पिटल के चर्चे इस बात के हैं कि आखिर बीते दिनों नवजात शिशु की मौत दया चाइल्ड केयर हॉस्पिटल के डॉक्टर की लापरवाही से हुई थी। बीते 16 सितंबर को अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनोद कुमार चौधरी एवं परियोजना निदेशक की टीम में क्षेत्र में संचालित बिना मानक एवं अवैध हॉस्पिटलों के दस्तावेजों की गहनता से जांच की गई थीं। मौके पर दया चाइल्ड केयर हॉस्पिटल बंद पाया गया। सूत्रों के अनुसार दया चाइल्ड केयर हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। इसके बावजूद भी दया चाइल्ड केयर हॉस्पिटल नवजात शिशुओं की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने में मशगूल रहा और नवजात बच्चे की जान ले ली। अस्पताल में प्रशिक्षित लड़कों द्वारा खून दवा की जांच ऑपरेशन मलहम पट्टी कर गरीबों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं।जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग की अधिकारियों की आखिर ऐसी क्या मजबूरी है की दया चाइल्ड केयर हॉस्पिटल के ऊपर कारवाई करने से बच रहे हैं। इस प्रकार स्वास्थ्य विभाग के प्रति लोगों का विश्वास उठता जा रहा है एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली एवं लापरवाही देख लोग गंभीर टिप्पणी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इतने दिनों तक कार्रवाई न होने से लोगों में चर्चा इस बात की है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दया चाइल्ड केयर हॉस्पिटल के संचालक के सामने बौना नजर आ रहे हैं।