सदर विधायक भूपेश चौबे द्वारा सोन नदी का जल भेंट कर यात्रियों को किया रवाना।
प्रकृति, संस्कृति, पर्यावरण, पर्यटन जैसे पंचतत्व की रक्षा और संवर्धन है यात्रा का मुख्य उद्देश्य: रवि प्रकाश चौबे।
संवाददाता – अनुज कुमार जायसवाल।
सोनभद्र। पंचतत्व की रक्षा के लिए पंच दिवसीय 622 किलोमीटर गुप्तकाशी दर्शन यात्रा का शुभारम्भ गोठानी बाबा शोभनाथ का जलाभिषेक कर विधिवत वैदिक मंत्रों के साथ पूज्य संतों द्वारा किया गया । ट्रस्ट के संरक्षक सदर विधायक श्रीमान भुपेश चौबे ने सोन नद का जल भेंट कर पूज्य संतों से आशीर्वाद लेकर यात्रा को रवाना किया ।
इस दौरान ट्रस्ट के संस्थापक रवि प्रकाश चौबे ने कहा कि पवित्र श्रावण मास में पंचतत्व की रक्षा हेतु प्रकृति, संस्कृति, पर्यावरण एवं पर्यटन विकास हेतु ऋषि- मुनियों द्वारा पूजित देवालय भित्ति चित्र गुफाओं और झरनों का दर्शन कर पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया जाता है। साथ ही साथ जनपद सोनभद्र के प्रमुख हिल स्टेशनों को विकास के लिए जनमानस एवं शासन का ध्यान आकृष्ट कराकर स्थलों पर पर्यटन विकास की सुविधाओं को उपलब्ध कराकर जनपद को रोजगार एवं समृद्धि देने हेतु यात्रा सभी प्रमुख स्थलों को होते हुए काशी विश्वनाथ का दर्शन कर समापन होगा । यात्रा शुभारंभ के पूर्व सदर विधायक भूपेश चौबे ने कहा कि जनपद को पर्यटन क्षेत्र में आज प्रदेश में स्थान दिलाने के लिए गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट द्वारा गुप्तकाशी दर्शन यात्रा मील का पत्थर साबित हो रहा है। आज गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट के बताएं पर्यटन स्थलों पर शासन को भी विकास करने में मदद मिल रही है और आगे भी ट्रस्ट के सुझाव पर पूरी गंभीरता से शासन द्वारा काम किया जाएगा। इस अवसर परअपना आशीर्वाद देने हेतु पूज्य संत नागा मोनी बाबा प्रयागदास गिरी जी महाराज देवानी चुआ झारखंडी महादेव ,स्वामी ध्यनानंद जी महाराज विजयगढ़ दुर्गा माता, विप्र स्वामी अनंत आचार्य जी महाराज ग्राम कोटा पुरानी देवस्थल अयोध्या विष्णु देवस्थान सेवा ट्रस्ट अयोध्या जी के कृपा पात्र, राजीव लोचन आचार्य बक्सर, उदल महाराज जनेऊ बाबा जौ बाबा , गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट के संपादकीय प्रमुख धर्मेंद्र कुमार राजू प्रशांत मिश्रा, भाजपा मंडल अध्यक्ष चोपन सुनील सिंह, भाजपा नेत्री डॉ रूबी गुप्ता सहित गुप्तकाशी के प्रमुख साधु-संत व धर्म प्रेमी प्रकृति प्रेमी उपस्थित रहे । गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश अग्रहरी ने सभी पूज्य संतों का आभार प्रकट कर स्वागत किया ।