संवाददाता – अनुज कुमार जायसवाल।
जान जोखिम में डालकर ऊची ऊंची पहाड़ के पगडंडी रास्तो से दर्शनार्थी दर्शन करने जाने को है मजबूर।
सुगम रास्त बनने में रोड़ा बन रहा है वनविभाग।
ओम आकार में दिखनेवाला खोड़वा पहाड़ के चोटी पर विराजमान हैं भगवान भोलेनाथ।
वहाँ जाने से सबकी पूर्ण होती है मनोकामनाएं।
सुगम सड़क होने से रोजगार का होगा सृजन।
सोनभद्र। सरकार द्वारा जनपद सोनभद्र के सभी तीर्थ स्थानों को पर्यटन से जोड़कर बोर्ड लगा दिया गया। खोड़वा पहाड़ के शिर्ष चोटी पर बिराजमान बाबा मंगलेश्वर देवो के देव महादेव भगवान भोलेनाथ की मंदिर के परिक्षेत्र से अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है। भगवान भोलेनाथ की मंदिर पौराणिक हैं पृथ्वी तल से लगभग हजारों फिट ऊंची पहाड़ी पर बिराजमान भोलेनाथ की मंदिर अलौकिक हैं । बाबा मंगेश्वर नाथ से जो भी दर्शनार्थी सच्चे मन से आशीर्वाद मांगते हैं उन्हें उनका फल अवश्य मिलता हैं। पवित्र श्रावण माह में दुरूह रास्ते होने के बाद भी जान जोखिम में डाल कर जंगल झाड़ियों से होते हुए पहाड़ पर बने पगडण्डी रास्ते से दर्शनार्थी लोग पैदल पहाड़ चढ़कर दर्शन करते हैं। मारकुंडी चिरुई मर्क्युरी से एक रास्ता बना भी है तो वन विभाग उसमे सबसे बड़ा रोड़ा है । जिसके कारण गाडियो का परिचालन सम्भव नही है। बड़े चक्के के गाड़ी से कुछ लोग हिम्मत करके जोखिम उठाते हुए दरबार मे जाते हैं। बाबा मंगलेश्वर के दरबार मे उत्तरप्रदेश बिहार एव झारखंड के लोग दर्शन पूजन करने आते हैं। उत्तरप्रदेश में कई दल की सरकारें आई गई लेकिन कोई संज्ञान नही लिया न जनप्रतिनिधियों ने कोई आवाज उठाई जबकि वर्तमान सदर विधायक दुबारा चुनाव जीतकर आए हैं बाबा का दर्शन भी किए हैं, बाबा के भक्त भी हैं फिर भी सड़क निर्माण के लिए या मंदिर परिक्षेत्र विकास के लिए विधायक जी का कोई पहल धरातल पर दिखाई नही दे रहा है। यूपी सरकार द्वारा सिर्फ पर्यटक का बोर्ड लगाकर खाना पूर्ति हो गया हैं।आजादी के 70 वर्ष के बाद देश अमृत महोत्सव माना रहा है फिर यह धाम विकास के लिए राह देख रहा है।