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पैरा एथलेटिक्स सुनील सक्सेस स्टोरी: पैरा एथलीट सुनील साहू ने 2012 में दोनों हाथ खो देने के बाद भी अपने साहस और मेहनत से 18 मेडल हासिल किए. 100 और 400 मीटर दौड़ में ऑल इंडिया रैंक और लॉन्ग जंप में सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने देश का मान बढ़ाया. उन्हें मेजर ध्यानचंद समर्पण अवॉर्ड, भारत गौरव अवॉर्ड 2024 और स्वर्ण भारत अवॉर्ड सहित कई सम्मान मिल चुके हैं. उनका अगला लक्ष्य पैरा ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना है.
देवेंद्र सेन/कोटा. जिंदगी जब सबसे बड़ा इम्तिहान लेती है, तब कुछ लोग हार मान लेते हैं, लेकिन कुछ लोग इतिहास लिख जाते हैं. कोटा के पैरा एथलीट सुनील साहू उन्हीं में से एक हैं. 2012 में हुए दुर्घटना में दोनों हाथ खो देने के बाद भी सुनील ने अपनी सीमाओं को ताकत में बदलते हुए पैरों से दौड़, कूद और जिंदगी तीनों में जीत हासिल की. आज उनके नाम कुल 18 मेडल दर्ज हैं, जिनमें 11 गोल्ड, 2 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज शामिल हैं.
पढ़ाई के साथ खेल को भी रखा जारी
सुनील को मिल चुका है कई सम्मान
सुनील ने 100 मीटर और 400 मीटर दौड़ में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक हासिल की और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में लॉन्ग जंप में सिल्वर मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया. उनकी उपलब्धियों पर उन्हें मेजर ध्यानचंद समर्पण अवॉर्ड, भारत गौरव अवॉर्ड 2024 और स्वर्ण भारत अवॉर्ड सहित कई सम्मान मिले. सुनील की संघर्ष यात्रा को कई प्रतियोगी परीक्षाओं के सामान्य ज्ञान में भी शामिल किया गया है. सुनील कहते हैं कि सपना कभी मत छोड़ो, आज नहीं तो कल सफलता जरूर मिलती है. उनका अगला लक्ष्य पैरा ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना है.
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दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से News18 हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें


