लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर पिछले कई दिनों से उड़ानों के रद्द होने का संकट गहराता जा रहा है. रविवार को 33 फ्लाइटें निरस्त हुईं, कई डायवर्ट की गईं और 740 यात्रियों ने टिकट कैंसिल कराए. इसी व्यवधान और तनाव के बीच एक दर्दनाक हादसा हो गया. फ्लाइट का इंतजार कर रहे एक यात्री की तनाव के बीच तबीयत बिगड़ गई और मौत हो गई. जिसने एयरपोर्ट प्रबंधन की व्यवस्था और जवाबदेही दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
फ्लाइट के इंतजार में बैठे यात्री की तबियत बिगड़ने से मौत
कानपुर निवासी 46 वर्षीय चार्टेड एकाउंटेंट अनूप पांडेय एयरपोर्ट पर फ्लाइट का इंतजार कर रहे थे. उनकी बेंगलूरू के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट लगातार रद्द हो रही थी, जिससे वे काफी तनावग्रस्त थे. एयरपोर्ट पुलिस के अनुसार इसी दौरान अचानक उनको दिल का दौरा पड़ गया और उन्हें पास के लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इस मामले में परिजनों का का आरोप है कि एयरपोर्ट पर कोई ट्रीटमेंट नहीं मिला. वीडियो में सिक्योरिटी स्टाफ उनको सीपीआर दे रहा है. जिसके बाद उनको होश भी आया. एंबुलेंस की सुविधा नहीं थी. अगर समय रहते उनको हॉस्पिटल ले जाया जाता तो शायद उनकी जान बच जाती. एयरपोर्ट अथॉरिटी की वजह से उनकी जान गई. इस पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए. अनूप अपने परिवार के साथ बेंगलूरू में रहते थे और एक रिश्तेदार की तेरहवीं में शामिल होने कानपुर आए थे. तबीयत बिगड़ने के समय उनकी पत्नी और बच्चे बेंगलूरू में थे, जो फ्लाइट न मिलने पर टैक्सी से कानपुर पहुंचे.

फ्लाइट रद्द होने से फूट-फूटकर रोईं बहनें
उड़ानें रद्द होने से परेशानियों का दायरा सिर्फ एक परिवार तक सीमित नहीं रहा. बलरामपुर से आई दो सगी बहनों की फ्लाइट जब अचानक रद्द हुई, तो वे एयरपोर्ट पर ही फूट-फूटकर रो पड़ीं. उनका भाई उन्हें छोड़कर जा चुका था और वापसी को लेकर वे असहाय थीं. इसी तरह गोरखपुर निवासी कपिल यादव का अबूधाबी का पूरा सफर चौपट हो गया, क्योंकि लखनऊ से मुंबई की फ्लाइट रद्द कर दी गई थी. दिल्ली जाने वाले कई यात्रियों का गुस्सा भी एयरपोर्ट पर फूटा, क्योंकि बार-बार टिकट कन्फर्म कराने के बावजूद उन्हें निराशा हाथ लगी.
यात्रियों में भारी आक्रोश
इंडिगो एयरलाइंस की बार-बार की गई उड़ान रद्दीकरण से हवाई यातायात लगभग ठप पड़ा है. यात्रियों का आरोप है कि एयरलाइंस बिना पूर्व सूचना उड़ानें रद्द कर रही हैं, जिससे होटल, टैक्सी और दोबारा टिकटों पर भारी खर्च उठाना पड़ रहा है. कई यात्रियों ने डीजीसीए से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.
लगातार अव्यवस्था, बढ़ती यात्रियों की नाराजगी और एक मौत के बाद अब सवाल यह है कि क्या एयरपोर्ट प्रबंधन और एयरलाइंस की लापरवाही यात्रियों की सुरक्षा और अधिकारों को खतरे में डाल रही है.



