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जहां भी प्याज लगाना है खेतों में मेड बना कर लगाएं, पानी का भराव नहीं होना चाहिए, पानी खेत मे रुकना नही चाहिए. साथ ही किसान प्याज की जहां भी बुवाई करे उसमें पोटास, फास्फोरस, जिंक सल्फेट, बोरान इनका प्रयोग किसान खेत मे जरूर करे.
सहारनपुर : सहारनपुर के किसान बड़ी संख्या में प्याज की खेती करते हैं. यहां की प्याज न केवल आसपास के जिलों में, बल्कि कई राज्यों में सप्लाई होती है, जिससे किसानों की आमदनी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि, कई बार प्याज की फसल में गलन (सड़न) की समस्या देखने को मिलती है, जो उत्पादन और गुणवत्ता दोनों को प्रभावित करती है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि प्याज में गलन का सबसे बड़ा कारण खेत में पानी का रुकना है. अगर खेत में जलभराव होता है तो प्याज की गांठें सड़ने लगती हैं. इसके अलावा, मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी भी बीमारियों को बढ़ावा देती है.
करें ये देसी उपाय
कुशवाहा ने बताया कि फसल को गलन से बचाने के लिए किसान ट्राइकोडर्मा फफूंदी का घोल तैयार कर सकते हैं. इसके लिए 2 किलो ट्राइकोडर्मा, 2 किलो गुड़ और 1 किलो बेसन को 200 लीटर पानी में मिलाकर 3–4 दिन तक ढककर रखें. इसके बाद जब खेत की सिंचाई करें, तो इस घोल को पानी में मिलाकर खेत में छोड़ दें. यह तरीका प्याज की गांठों को गलन से बचाने में बहुत असरदार साबित होता है. साथ ही, समय-समय पर सल्फर, जिंक और बोरान का छिड़काव करने से प्याज की गांठें मजबूत और स्वस्थ बनती हैं, तथा फसल का रंग और गुणवत्ता बेहतर होती है. इन उपायों को अपनाकर किसान प्याज की फसल को गलन से बचा सकते हैं और बेहतर उत्पादन व अधिक मुनाफा हासिल कर सकते हैं.
मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु…और पढ़ें
मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु… और पढ़ें



