शाहजहांपुर : रबी की मुख्य फसल गेहूं में सिंचाई के लिए यह समय बेहद ही उपयुक्त है. किसी भी फसल में सिंचाई का महत्वपूर्ण रोल रहता है. सिंचाई से मिट्टी में नमी रहती है, जिससे पौधे की जड़ें मजबूत होकर गहराई तक जाती हैं. मजबूत जड़ें पौधे को पोषक तत्व और पानी सोखने में मदद करती हैं. ऐसे में किसानों को सिंचाई करते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. सिंचाई करते समय ज्यादा मात्रा में पानी देने पर फसल को नुकसान हो सकता है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि गेहूं की फसल में सिंचाई का खास ध्यान रखना चाहिए. ज्यादा मात्रा में पानी देने से गेहूं पौधों का विकास प्रभावित हो सकता है. कई बार फसल मर भी सकती है. ऐसे में जरूरी है कि सिंचाई करते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें.
25 दिन बाद करें सिंचाई
गेहूं की फसल की बुवाई के बाद 21 दिन के बाद सिंचाई कर देनी चाहिए. सिंचाई के लिए यह समय उपयुक्त होता है, लेकिन अगर खेत में नमी हो या फिर मौसम ठंडा हो तो किसान 25 दिन पर भी सिंचाई कर सकते हैं. ध्यान रखें कि दोमट मिट्टी में हल्की सिंचाई न करें. ज्यादा सिंचाई करने से पौधों की जड़ों में मिल जाने वाली ऑक्सीजन प्रभावित हो सकती है. जिसकी वजह से पौधों का विकास रुक जाता है और कई बार पौधे पीले पड़ने के बाद मर भी जाते हैं. ध्यान रखें कि सिंचाई इतनी ही करें जिससे मिट्टी गीली हो जाए.
बलुई मिट्टी में इन बातों का रखें ध्यान
बलुई और पीली मिट्टी में किसान थोड़ा सा ज्यादा पानी भी दे सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि ज्यादा दिनों तक गेहूं की फसल में पानी खड़ा ना रहे. ज्यादा पानी देने की वजह से पौधों का विकास प्रभावित होता है. जिसका उत्पादन पर सीधा असर पड़ता है.
ऐसे ज्यादा होंगे कल्ले
समय पर गेहूं की फसल में सिंचाई करने से कल्ले तेजी से बढ़ते हैं क्योंकि पौधे में कल्ले करने के लिए 20 से 25 दिन का समय बेहद ही उपयुक्त होता है. उस समय सिंचाई करने पर कल्ले तेजी से निकलेंगे. ज्यादा कल्ले होने की वजह से बालियों की संख्या बढ़ेगी जिससे उत्पादन ज्यादा मिलेगा.
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FIRST PUBLISHED : December 14, 2024, 17:37 IST