झारखंड में भाजपा की मुसीबतें बढ़ती हुईं नजर आ रही हैं। उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद ही बगावत का दौर शुरू हो गया है। लुईस मरांडी समेत कई नेताओं ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है। वहीं बुधवार को पूर्व आईपीएस राजीव रंजन सिंह ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया। पूर्व आईपीएस ने भाजपा पर परिवारवाद जैसे कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। दरअसल, राजीव रंजन भाजपा से सार्वजनिक रूप से टिकट की मांग कर रहे थे। हालांकि एनडीए गठबंधन के तहत यह सीट जेडीयू के खाते में चली गई है।
खुलकर मांग रहे थे टिकट
राजीव रंजन सिंह खुलकर जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे। इसे लेकर उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, ‘मैंने भाजपा ज्वाइन करने के बाद जमशेदपुर पश्चिम में पुरे तन मन से लगातार दो वर्षों तक उस क्षेत्र के लोगों के लिए जितना हो सका काम किया l अब भाजपा को सोचना है कि पढ़े लिखे-व्यक्ति को विधानसभा में भेजना है कि नहीं?’ एक दूसरे पोस्ट में पूर्व आईपीएस ने लिखा, ‘जमशेदपुर पश्चिम का सीट जेडीयू को चला गया, इसकी विधिवत घोषणा होने के बाद मै दुखित जरूर हूं। लेकिन विचलित नहीं हूं l ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा के शीर्ष नेताओं को मुझ पर भरोसा नहीं था l मेरी शुभकामनाएं जेडीयू को।’
भाजपा पर लगाया परिवारवाद का आरोप
राजीव रंजन सिंह ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को एक पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा है। उन्होंने लिखा कि ‘मैं आदर्शों और नीतियों को तार-तार होता देख भाजपा के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। इस्तीफा का कारण यह नहीं है कि मुझे टिकट नहीं मिला। मुख्य वजह यह है कि टिकट बंटवारे में परिवारवाद हावी रहा। भाजपा अपने और संघ के मूल्यों और आदर्शों के विपरीत काम कर रही है।’
भाजपा को आईना दिखाने के लिए: राजीव रंजन सिंह
पूर्वा आईपीएस ने पत्र में आगे लिखा कि ‘भाजपा गलत रास्ते पर चल रही है। भाजपा को आईना दिखाने के लिए और विरोध प्रकट करने के लिए कोई और विकल्प नहीं है। राजनीति में आने से पहले मेरे कई दोस्तों ने कहा था कि राजनीति बहुत गंदा होता है, इसमें मत जाओ। मैंने उस समय यह सोचा था कि राजनीति की सफाई करने के लिए उसमें जाना होगा। मैं अपने युवा साथियों से कहना चाहता हूं कि मैं उसमें सफल नहीं हो सका। इसलिए अपने अंतरात्मा की आवाज को सुनते हुए पार्टी को छोड़कर स्वतंत्र रूप से समाज हित में कार्य करने का निर्णय लिया। अभी वर्तमान में कोई राजनीतिक पार्टी ज्वाइन नहीं करूंगा एवं विधानसभा चुनाव में अगर कोई भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता जो भाजपा छोड़कर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे है, अगर वह बुलाते हैं तो मैं जरूर उन्हें सहयोग करूंगा। साथ ही साथ इन डेढ़ वर्षों में पार्टी के वरिष्ठ एवं कनिष्ठ कार्यकर्ताओं, सहयोगियों का अपार स्नेह के लिए बहुत बहुत आभार।’