लार(देवरिया), हिन्दुस्तान टीम। स्वामी देवानंद पीजी कॉलेज मठ लार के प्राचार्य पद का मामला
लार(देवरिया), हिन्दुस्तान टीम। स्वामी देवानंद पीजी कॉलेज मठ लार के प्राचार्य पद का मामला गरमा गया है। कॉलेज प्रबंधन ने डॉ. ब्रह्मानंद सिंह द्वारा त्यागपत्र देने के बाद डॉ. धीरज पांडेय को प्राचार्य पद पर कार्य करने के लिए अधिकृत कर दिया गया। सोमवार को वे कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे तो इसके विरोध मे कॉलेज के शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके चलते नए प्राचार्य को कार्यालय अधीक्षक के कक्ष में बैठना पड़ा।
6 सितंबर को ब्रह्मानंद सिंह ने प्राचार्य पद से त्याग पत्र दे दिया था। उसके बाद से ही प्राचार्य का पद खाली चल रहा था। 19 सितंबर को कॉलेज प्रबंधन ने डॉ. धीरज पाण्डेय को प्राचार्य बना दिया। सोमवार को उन्हें कार्यभार ग्रहण करना था। इसके लिए प्राचार्य कक्ष को सजाया गया। फूल माला आया मिठाइयां मंगाई गयी। डॉ धीरज पांडेय को प्राचार्य बनाए जाने की खबर मिलते ही महाविद्यालय के शिक्षकों में आक्रोश फैल गया।
शिक्षक संघ के अध्यक्ष देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में लगभग दो दर्जन शिक्षक प्राचार्य कक्ष में धरना पर बैठ गए। शिक्षकों का आरोप है की सबसे जूनियर अध्यापक को प्राचार्य बनाया जाना हम सभी का अपमान है। यह देख डॉ धीरज पांडेय कार्यालय अधीक्षक कक्ष में जाकर बैठ गए। उन्होंने महाविद्यालय में तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस से धरनारत शिक्षकों ने कहा कि कोई कानून व्यवस्था खराब होने जैसी बात नहीं है। यह सुन पुलिस लौट गई। पूरे दिन कॉलेज में तनाव की स्थिति बनी रही।
पूर्व प्राचार्य व प्रबंधक ने एक दूसरे पर लगाए आरोप
पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर ब्रह्मानंद सिंह ने कहाकि प्रबंधन उनसे दबाव में गलत कार्य करना चाहता था। हम दबाव में काम नहीं करना चाहते हैं, इसलिए इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा की जिसे प्राचार्य बनाया गया है वह वरिष्ठता सूची में वह बहुत पीछे हैं। नए प्राचार्य डॉक्टर धीरज पांडेय ने कहा कि प्रबंधन ने हमें तीन माह के लिए दायित्व सौपा है।
कुछ शिक्षक प्राचार्य कक्ष में बेवजह धरना देकर पठन-पाठन का कार्य बाधित कर रहे हैं। इसकी जानकारी महाविद्यालय प्रबंधन और प्रशासन को दे दिया गया है। महाविद्यालय के प्रबंधक स्वामी अभयानंद गिरी से बात करने पर उन्होंने कहा कि 3 वर्ष से महाविद्यालय में जो लोग लूट पाट कर रहे थे उन्हें अपनी चोरी पकड़े जाने का डर है। भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।