बरहज। बरहज ब्लॉक के देइडीहा कम्पोजिट विद्यालय के सहायक अध्यापक डॉ आदित्य नारायण गुप्त को राज्य अध्यापक पुरस्कार से नवाजा जाएगा। डॉ. आदित्य को यह पुरस्कार उनके उत्कृष्ट शिक्षण कौशल, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों और शैक्षिक गतिविधियों में उनकी भागीदारी और सहयोग के लिए दिया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी शालिनी श्रीवास्तव ने फोन कर राज्य पुरस्कार मिलने की जानकारी दी। पुरस्कार मिलने पर डा आदित्य ने खुशी जाहिर की है।
राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित होने के बाद डॉ आदित्य का कहना है, शिक्षक राज्य पुरस्कार के लिए चयनित होने पर उन्हें खुशी है। उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए जो सम्मान उन्हें दिया जा रहा है, उस सम्मान के हकदार विद्यालय के सभी शिक्षक है। उन्होंने हमेशा बच्चों को उत्तम शिक्षा देने का प्रयास किया है। शिक्षा के प्रति उनका जुनून ही है कि अपने नौकरी काल मे आज तक कभी अवकाश नहीं लिया। यहाँ तक कि स्कूल की छुट्टियों के दिन में मलिन बस्तियों में जाकर घुमन्तू बच्चो को पढ़ाते है और अभिभावकों को बच्चो का नामांकन कराने की तरफ प्रेरित करते है।
पढ़ाई का फार्मूला सरल से कठिन
पढ़ाई का तरीका भी अन्य शिक्षकों से अलग है। कुर्सी छोड़ खुद बच्चों के बीच बैठकर उनकी समस्या समझते है। पहले वह चीज समझाते है जो छात्र को आसानी से समझ आ सके। फिर कठिन सवाल की तरफ जाते है। उनका कहना है बच्चो के स्तर पर उतर कर ही उनका ज्ञान वर्धन किया जा सकता है। गतिविधि आधारित और खेल-खेल में पढ़ाई कराते है। जिससे बच्चे खेल-खेल में उच्च कोटि के शिक्षा प्राप्त कर राष्ट्र सेवा में अपना योगदान दे सकें।
विद्यालय को और अच्छा बनाने के लिए वह स्कूल के पुरातन छात्र समिति का गठन करेंगे। अपने शिक्षक साथियों के सहयोग से शिक्षण कार्य को और अच्छा बनाएंगे। खेल, सामान्य ज्ञान, सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में भी स्कूल के बच्चों का चयन जिला स्तर पर होता रहता है।
ग्रामीण बच्चे नवीन तकनीक से कराए जाते हैं परिचित
डॉ आदित्य ने बताया, बच्चों के शिक्षण अधिगम स्तर को ऊंचा उठाने के लिए विभिन्न नवाचार के द्वारा शिक्षण कराते हैं। जिससे ग्रामीण पृष्ठभूमि के बच्चे भी नवीन तकनीक से परिचित होते रहते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचल में पढ़ने वाले प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक का जब राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयन होता है, तो मिलने वाले शिक्षक को तो खुशी होती ही है। साथ में अन्य पढ़ाने वाले अध्यापक अध्यापिकाओं में भी इस तरह के पुरस्कार पाने की प्रतिस्पर्धा पैदा होती है।
अपनी बच्चियों को भी पढ़ाते है स्कूल में
अन्य शिक्षकों की तरह कान्वेंट में अपने बच्चों को न भेज अपने ही स्कूल में उनको भी पढ़ाते है। उनका मानना है दूसरे के बच्चों को प्राथमिक विद्यालय में नामांकन के प्रेरित करने के पहले खुद नजीर प्रस्तुत करना होगा। बड़ी बेटी आकांक्षा विद्यालय से कक्षा आठ तक की शिक्षा ग्रहण की। दूसरी बेटी आदिमा कक्षा आठ की छात्रा है जबकि तीसरी बेटी थानिका बाल वाटिका में पढ़ती है।
मिल चुके के विभिन्न पुरस्कार
डॉ आदित्य इसके पूर्व भी बेहतर शिक्षण के लिए तमाम पुरस्कार पा चुके है। 2012 से 2023 तक हर साल ब्लाक के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार मिला है। 2015 और 2017 में देवरिया जिले का उत्कृष्ट शिक्षक पुस्कार, 2024 का स्टेट मास्टर ट्रेनर पुरस्कार, 2024 का अनमोल रत्न शिक्षक पुरस्कार से नवाजे जा चुके है।