अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) के कथित मास्टरमाइंड डॉक्टर इश्तियाक अहमद समेत चार संदिग्धों को लेकर दिल्ली स्पेशल सेल की टीम मंगलवार को रांची पहुंची। रांची से सभी को लेकर टीम सीधे चान्हो के नकटा पहाड़ पहुंची। बताया जा रहा है कि इश्तियाक ने इसी पहाड़ पर आतंकी ट्रेनिंग दिलाया था। डॉक्टरी करने वाला इश्तियाक इस पहाड़ पर जाते ही आतंकवादी बन जाता था। वहां देश के खिलाफ ‘नफरत वाली क्लास’ चलाई जाती थी।
ट्रेनिंग के लिए क्यों चुना पहाड़
नकटा पहाड़ पर जाकर दिल्ली स्पेशल सेल टीम ने प्रशिक्षण स्थल का भौतिक सत्यापन कराया, साथ ही ट्रेनिंग से जुड़े कई साक्ष्य भी जुटाए। टीम डॉक्टर इश्तियाक, मुफ्ती रहमतुल्लाह, अलताफ समेत अन्य संदिग्धों से पूछताछ के बाद यहां पहुंची थी। बताया जा रहा है कि अलकायदा संदिग्धों ने प्रशिक्षण के लिए नकटा पहाड़ को इसलिए चुना था कि यह पहाड़ जंगल के अंदर स्थित है। आबादी से काफी दूर घने जंगल होने के कारण है, यहां लोगों का आवाजाही नहीं होती है। ट्रेनिंग के लिए इस जगह को काफी मुफीद माना गया था। पूछताछ में एटीएस को यह जानकारी मिली थी कि डॉ इश्तियाक आतंकियों का रांची रेडिकल ग्रुप (आरआरजी) तैयार किया था। इस ग्रुप से जुड़े कुछ लड़कों को उसने आतंकी ट्रेनिंग के लिए राजस्थान भी भेजा था।
चान्हो के अल्ट्रासाउंड सेंटर का निबंधन रद्द
रांची डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने तत्काल प्रभाव से डॉ इश्तियाक अहमद के चान्हो स्थित अल्ट्रासाउंड संस्थान मेडिकाना नर्सिंग होम का निबंधन रद्द कर दिया गया है। यह संस्थान चान्हो में खलारी रोड के बीजूपाड़ा के पास स्थित है। डॉ इश्तियाक इस सेंटर के संचालक होने के साथ-साथ यहां का चिकित्सक भी रहा है। डीसी ने अल्ट्रासाउंड कार्य बंद रखने और यूएसजी मशीन से किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करने को कहा है। मशीन से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ करने पर पीएस एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि भारत सरकार के सुरक्षा तंत्र डॉ इश्तियाक को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की जांच कर रही है।
22 को लिया था हिरासत में
दिल्ली एटीएस की टीम ने 22 अगस्त को झारखंड पुलिस और एटीएस के सहयोग से रांची, लोहरदगा और हजारीबाग में छापेमारी की थी। इस दौरान डॉ इश्तियाक समेत कुल आठ लोगों को हिरासत में लिया गया था। डॉ इश्तियाक चतरा के टंडवा निवासी अबू सूफियान के माध्यम से अलकायदा आतंकी कटकी के संपर्क में आया था।