जुगैल (संवाददाता ) अनुपम चौबे।
जुगैल रेंज बना पत्थर खनन माफियाओं का अड्डा।
बड़े पैमाने पर अवैध पत्थर का होता है परिवहन, विभाग मौन।
सोनभद्र। जुगैल रेंज हमेशा अवैध खनन के लिए चर्चा में रहता है और संबंधित विभाग भी यह सब देख कर नजर अंदाज किया रहता है। यही कारण है यहां की पहाड़ी वीरान और खंडहर में तब्दील होती जा रही है।जहा सरकार लाखो की लागत से पेड़ पौधा लगा रही है वही पेड़ों को काट कर अवैध खनन कर पत्थर का परिवहन किया जा रहा है।वन प्रभाग ओबरा के जुगैल रेंज अगोरी वन चौकी से महज तीन किलोमीटर के दूरी पर दिनदहाड़े अबैध पत्थर खनन का अंजाम दिया जा रहा है।इस जंगल में खनन माफियाओं द्वारा पत्थर तुड़वाकर टाल लगा कर बेचा जा रहा है।और यह सब खेल रात के अंधेरे में नहीं बल्कि दिन के उजाले में किया जा रहा है,यह सब देख विभागीय अधिकारी कर्मचारी मौन धारण कर चुप्पी साध कर बैठ गया है।रेंज के भरहरी, विजौरा और चौरा के मुरली, प्रसिद्धहिया, पचपेड़ी आदि पहाड़ी पर पेड़ों को काट कर भारी पैमाने पर पत्थर खनन कर परिवहन कर दिया जाता है। जिससे राज्य सरकार को काफी क्षति पहुंचाई जा रही है। जैसे मानो वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा खनन कर्ताओं को खुली छूट मिल गई हो। खनन कर्ताओं ने जंगल में अपना अपना एरिया चिंहित किया गया है। चिंहित एरिया में एक दुसरे में कोई नहीं जाता है।चौरा के पास जंगल में कई जगहों पर कई घन फीट अवैध खनन कर पत्थर इकट्ठा किया गया है।अब देखना है की खबर के बाद वन विभाग व संबंधित विभाग द्वारा कोई कार्यवाही होती है या इसी तरह अबैध खनन चलता है!