संवाददाता – रविन्द्र सिंह।
राम राम कहते हुए राजा दशरथ ने छोड़ा प्राण।
मीरजापुर। पड़री थाना क्षेत्र के पैड़ापुर चौकी अंतर्गत धरमदेवां गांव में मंगलवार को राम वन गमन का बड़ा ही मनोरम व मनोहारी दृश्य का मंचन हुआ। जहां राजा दशरथ ने अपने चौथेपन अवस्था को देखते हुए राम को राज्याभिषेक करने की तैयारी हेतु अपने गुरु वशिष्ठ से आज्ञा लेकर मंत्री सुमंत को आज्ञा दिए। जिससे देवताओं में खलबली मच गई और मां सरस्वती से प्रार्थना विनय कर अयोध्या जाने के लिए विनती करने लगे। जिसके बाद मां सरस्वती अयोध्या जाकर कुबरी मंथरा के जिह्वा पर सवार हो गई। तब मंथरा ने कैकेई से राजा दशरथ से अपने दो वर मांगने को कही। काफी देर तक कैकेई व मंथरा का संवाद हुआ। जिसके बाद राजा दशरथ ने कैकेई को कोपभवन में देख कारण पूछा और राजा दशरथ से अपने दो वर मांगी। जिसमें पहला तो राजतिलक भरत को तथा राम को चौदह वर्ष का वनवास मांग ली। राम, लक्ष्मण और सीता वन को चले गए। इधर पुरवासी काफी देर तक प्रभु श्री राम को लौट जाने के लिए कहते हुए साथ साथ चल रहे थे। पहले दिन प्रभु श्री राम जी तमसा नदी के तट पर सभी पुरवासी को सोते हुए छोड़कर मंत्री सुमंत को भी अयोध्या भेज वन को चले गए। यह समाचार पाते ही राजा दशरथ ने विलाप करते हुए राम राम कह कर अपने प्राण त्याग दिए। रामलीला में ब्यास मोहम्मद इस्लाम तथा नाल वादन का जादू विजय कुमार विश्वकर्मा ने खूब बिखेरा। जिनके साथ में बैंजो वादन का का काम प्यारे लाल कर रहे थे। जहां रामलीला के अध्यक्ष श्यामाकांत द्विवेदी और डायरेक्टर ओम प्रकाश दूबे मौजूद रहे। वहीं लीला में रोल अदा करने वाले कलाकारों में उपाध्यक्ष पं रामानंद मिश्रा, सुभाष चन्द्र मिश्रा, कोषाध्यक्ष पीतांबर मिश्रा, मोहम्मद दिल्लू लाल, हेमंत मिश्रा, विनय मिश्रा, संतोष भारती, विनोद कुमार मिश्रा, कान्हा द्विवेदी, अरविन्द दूबे, दशरथ यादव समेत अन्य कलाकारों ने अपनी कला के जादू से मंच के माध्यम से रामलीला का मंचन किए। जहां बीच बीच में दर्शकों को आनंदित करने हेतु डांसर रमेश उर्फ बिजुली रानी ने अपने नृत्य और गायन से दर्शकों का दिल जीत लिया।