संवाददाता – रविन्द्र सिंह।
राजगढ़/मीरजापुर। राजगढ़ क्षेत्र में अघोषित बिजली कटौती से आमजन के अलावा पशुओं को पानी पीने के अलावा धान भी सिंचाई के अभाव में सूख रही है । राजगढ़ क्षेत्र में एक हफ्ते पूर्व बारिश हुई । बारिश होने से किसान रेडा पर होने से परेशान हो रहे हैं ।इस समय सबसे ज्यादा पानी की जरूरत है जिसको किसान अपने धान को बचाने में लगे हुए हैं। लेकिन बिजली विभाग की लापरवाही से सही तरीके से बिजली नहीं मिल रही है । देखा जाए तो मात्र 8 घंटे ही बिजली मिल रही है। राजगढ़ पावर हाउस से खोराडीह फीडर, भवानीपुर फीडर, राजगढ़ फीडर संचालित है। लेकिन रात्रि में बिजली कब आएगी कब जाएगी कुछ पता नहीं है। इस समय गांव में तालाब पोखरे बारिश से भरे हुए हैं लेकिन पानी का लेवल भी सही हो गया हैं।धान के अलावा मिर्च की भी सूख गई है। चारों तरफ क्षेत्र में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। राजगढ़ क्षेत्र के 3 दर्जन से ज्यादा गांव में बिजली मात्र 7 घंटे की आ रही है।
उसमें से दो दर्जन से ज्यादा की बार की कटौती की जा रही है। सबसे ज्यादा परेशानी रात में होती है रात को करीब 10:00 बजे बिजली आएगी 12:00 कट जाएगी फिर रात्रि 2:00 बजे बिजली आएगी भर में 4:00 बजे कट जाएगी उसके बाद सुबह में 9:00 बजे बिजली आएगी और यही रवैया बिजली विभाग अपनाया हुआ है पूछने पर ओवरलोड का बहाना बनाकर पल्ला झा ले रहा है और घटना उपभोक्ताओं को पढ़ रहा है और बिजली वसूली के लिए दिन-रात लगे हुए हैं बड़े व्यापारियों को छोड़कर छोटे और किसानों को परेशान किया जा रहा है बिजली जमा करने के लिए ।दर्जनों की संख्या पर राजगढ़ पावर में पहुंचे किसान प्रमोद कुमार सिंह, अनिल कुमार ,सुनील कुमार, छोटेलाल, धनंजय जायसवाल, महेंद्र सिंह, धर्मेंद्र ,सुमित कुमार विजय कुमार अभय सिंह सूर्य केश सिंह ने कहा कि धान और टमाटर भी सूख रही है बिजली नहीं आ रही है जिससे किसानों के पास आर्थिक और मानसिक क्षति हो रही है। दो दर्जन से ज्यादा किसानों ने पत्र दिया कहा कि अगर बिजली नहीं मिली तो किसानों की धान सुख कर खराब हो जाएंगी। बारिश ना होने से धान सुख तो रही है। लेकिन मिर्च भी सूख गई है। अभी 3 दिन पूर्व ही बारिश हुई लेकिन खेतों से पानी निकल गया और धान फूत रहा है और इसी समय पानी की सबसे ज्यादा धान को जरूरत होती है। लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है। ऊपर से बिजली विभाग का ग्रामीण इलाकों में बिजली ना देना रुला रहा है। ओवरलोड की समस्या सालों से चल रही है लेकिन खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।