विंध्य ज्योति गाजीपुर । शिव शंकर पाण्डेय
सावन माह के अंतिम सोमवार को महासुखद संयोग सोम प्रदोष पड़ा। जानकारों के मुताबिक, ऐसे में भगवान शिव की आराधना करने से न सिर्फ महादेव की कृपा प्राप्त होगी बल्कि अन्य ग्रहों की प्रतिकूलता भी शांत हो जाएगी। स्कंदपुराण के अनुसार, भगवान शिव का सायंकालीन पूजन विशेष फलदाई होता है। पंडित बताते हैं कि भगवान शिव का प्रदोषकाल अर्थात सायंकालीन पूजन विशेष फलदाई होता है।बीती शाम कंधों पर कांवड़ लिए नंगे पैर बोल बम का नारा लगाते हुए जा रहे हजारों कांवड़ियों की मंजिल खास तौर पर महाहर धाम रही। इसके अलावा जिले के अन्य शिवालयों में भी कांवड़ियों की भीड़ रही। जहां सोमवार की भोर से ही जलाभिषेख के लिए भक्तों की लम्बी लाइनें देखने को मिली।आज महाहर धाम में शिवभक्तों ने भोले भण्डारी का जिलाभिषेक किया। इस दौरान भक्तों में अजीब उन्माद और आस्था का माहौल बना रहा। कांवड़िये लाइनों में खड़े शिव शंकर के दर्शनों को व्याकुल रहे। जिले के महाहर धाम पर पूरे देश से भक्त आस्था वश इस पावन माह में शंकर जी के दर्शन पूजन को आते हैं।शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव के अनंत नाम हैं फिर भी उनके जो आठ पुण्यदायी नाम बतलाए गए हैं उनमें सर्व, भव, रूद्र, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव प्रमुख हैं, जो भी मनुष्य भगवान शिव के इन आठ नामों का जाप करता है व भगवान शिव का अर्चन करते हुए उनके उक्त आठ नामों से पुष्पांजलि अर्पित करता है, उसकी समस्त कामनाओं की सिद्धि होती है। आखिरी सोमवार को हर शिव मन्दिर में बोल बम का नारा लगाते हुए शिव भक्तों ने जलाभिषेक किया। सभी लोग अपनी-अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के आस्था के साथ पूजा करते हुए पुरूष और महिला भी अधिक संख्या में श्रद्धालु हर-हर महादेव का नारा लगाते हुए शिव मन्दिर जाय रहे थे।