संवाददाता – उमेश कुमार
- आदिवासी के मौत की सूचना पर पहुंची थी टीम।
बभनी। बभनी ग्राम पंचायत के घसिया टोला में बगैर पंजीकरण के संचालित हो रहे अस्पताल पर बभनी अधीक्षक ने ताला बन्द कर दिया। फर्जी ढंग से संचालित अस्पताल पर कार्यवाही के बाद हड़कंप मच गया । बभनी ग्राम पंचायत के घसिया बस्ती में छ माह से बगैर पंजीकरण के संचालित अस्पताल पर शुक्रवार को बभनी अधिक्षक ने ताला लगा दिया। सूत्रों की मानें तो गुरूवार को घसिया टोला निवासी 50 वर्षीय बंशी पुत्र जैन घसिया की मौत अस्पताल में उपचार के बाद हो गयी थी। मामले की शिकायत भाजपा मण्डल मंत्री सुधीर पान्डेय ने अधिक्षक से किया था, इसके बाद स्वास्थ्य विभाग अस्पताल की पड़ताल करने पहुंचा जहां अस्पताल के कर्मचारियों ने अस्पताल के कागजात व पंजीकरण नहीं दिखा सके और न ही अस्पताल में कोई चिकित्सक मिला। अस्पताल में आपरेशन थिएटर से लेकर अन्य वार्ड बनाए गए हैं। बताया जा रहा कि अस्पताल बगैर पंजीकरण के छः माह से संचालित हो रहा है। शुक्रवार को शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया। अधिक्षक अंकित कुमार सिंह ने अस्पताल पर ताला जड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही के बाद हड़कंप मच गया। बभनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिक्षक डा अंकित सिह ने बताया कि अस्पताल के कागजात मांगा गया न देने पर अस्पताल पर ताला लगा दिया गया है। छ माह से संचालित हो रहा अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के नाक के नीचे छ माह से बगैर पंजीकरण के अस्पताल संचालित हो रहा है। जहां महिलाओं के प्रसव से लेकर अन्य गम्भीर बीमारी का इलाज सहित अन्य गम्भीर बीमारी का इलाज करने का प्रकरण सामने आया है। देखना है कि विभाग इसको लेकर कितना गम्भीर होता है और कार्यवाही अमल में लाया है। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग ने ताला तो बन्द कर दिया लेकिन कार्यवाही का सब इन्तजार कर रहे हैं।
सेटिंग पर संचालित हो रहा था अस्पताल
बभनी के घसिया टोला में संचालित अस्पताल छ माह से आखिर किसके सह पर संचालित हो रहा है इसकी चर्चा भी जोरों पर है। अस्पताल वह भी बगैर चिकित्सकों के संचालित हो रहा है। मामले के बावत अधिक्षक ने कहा कि अस्पताल की जांच के समय चिकित्सक और अन्य आवश्यक कागजात नहीं मिले इसलिए अस्पताल पर ताला लगा दिया गया है। आगे उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।