नई दिल्ली. साल 1997 जेपी दत्ता एक फिल्म लेकर आए थे, जिसका नाम है, बॉर्डर. फिल्म ने रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस को हिलाकर रख दिया था. मल्टीस्टारर इस फिल्म को लोग आज भी देखना पसंद करते हैं. लेकिन इस फिल्म का एक गाना तो चार्टबस्टर साबित हुआ था. वो है ‘ऐ जाते हुए लम्हों जरा ठहरो…’ आज भी वो गाना लाखों दिलों को उसी तरह छू जाता है, जैसे इसकी रिलीज़ के समय छुआ था. सुहागरात पर फिल्माया गए इस गाने का असली मतलब सिर्फ रोमांस नहीं, बल्कि उन अनकहे जज्बातों का दर्द है जो एक पत्नी और उसके सैनिक पति के बीच आखिरी पलों में महसूस होते हैं. ये गाना युद्ध और प्यार के बीच बंटी एक जिंदगी की ऐसी तस्वीर दिखाता है, जिसे देखकर हर बार आंखें नम हो जाती हैं.गाने का माहौल बेहद संवेदनशील है. कमरे में हल्की रौशनी, नई दुल्हन का सोलह श्रृंगार और उसका मुस्कुराने की कोशिश करता चेहरा, सब कुछ एक खूबसूरत शुरुआत की ओर इशारा करता है. लेकिन इसी रोमांस में एक गहरी चुभन भी छिपी है, क्योंकि उसका पति, जो एक सैनिक है, अगले ही दिन सीमा पर तैनात होने वाला है. वह रात उनके लिए खुशियों से ज्यादा बिछड़ने का डर लेकर आती है. इसी एहसास को गाना बड़ी खूबसूरती से पकड़ लेता है.



