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Farrukhabad Hindi News: फर्रूखाबाद में मंदिर निर्माण के दौरान मिले इन पुराने गहनों की चर्चा हर घर में हो रही है. लोग इसे वर्षों पुराना छिपा “खजाना” मान रहे हैं. हालांकि पुलिस का कहना है कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि गहने किसके हैं या कब के हैं. जांच के बाद ही इस रहस्यमयी खोज का पूरा सच सामने आएगा.
Farrukhabad News: फर्रुखाबाद जिले के कमालगंज थाना क्षेत्र के श्रृंगीरामपुर गांव में मंदिर निर्माण के दौरान उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब मजदूरों को खुदाई के दौरान मिट्टी में दबा एक गिलास मिला. जिज्ञासा में जब गिलास को खोला गया, तो उसमें से गहने निकल आए. देखते ही देखते यह खबर पूरे गांव में फैल गई और मौके पर भीड़ जमा हो गई. इस दौरान कुछ लोगों ने मौके का फायदा उठाकर जेवर अपने कब्जे में ले लिए. सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच कर कुछ आभूषण बरामद किए हैं, जिन्हें मालखाने में जमा कराया गया है.
घटना सोमवार दोपहर करीब 3 बजे की है. श्रृंगीरामपुर गांव में निर्माणाधीन हनुमान मंदिर के चबूतरे की नींव खोदी जा रही थी. खुदाई के दौरान मजदूर भोलू को मिट्टी में एक बड़ा गिलास मिला, जो सोने या चांदी जैसा प्रतीत हो रहा था. उसने वह गिलास मंदिर निर्माण की देखरेख कर रहे दीपू पंडित को दिया. दीपू ने जब गिलास को सड़क पर पटका तो उसमें से मिट्टी के साथ कई जेवर निकल आए. गिलास से गहने निकलने की खबर फैलते ही आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए और कुछ ग्रामीण जेवर लेकर भाग गए.
सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस
घटना की जानकारी दीपू ने तुरंत मंदिर के मालिक रवि शंकर औदीच्य को दी, जो आगरा में मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में कार्यरत हैं. सूचना पर रविशंकर अपनी पत्नी रुचि के साथ देर रात गांव पहुंचे और यूपी 112 पर पुलिस को सूचना दी. थानाध्यक्ष राजीव कुमार, सीओ अमृतपुर संजय वर्मा और पुलिस बल मौके पर पहुंचे और जांच की. पुलिस ने ग्रामीणों से पूछताछ की, जिसके बाद कुछ लोगों ने गहने वापस कर दिए. सत्यनारायण ने सोने के दो टूटे हुए कड़े, मूलचंद ने एक झुमकी, जबकि अन्य ग्रामीणों ने 10 मोती, एक नथुनी, चूड़ी की पत्तर और एक गिलास वापस किया. पुलिस ने सभी बरामद आभूषणों को कब्जे में लेकर मालखाने में जमा करा दिया है.
पुलिस जांच में सामने आए तथ्य
थानाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि बरामद गिलास किसी धातु का बना हुआ है. संभवतः पीतल या कांसे का. यह काफी पुराना और गल चुका है. ग्रामीणों के अनुसार गिलास और उसमें मिले गहने करीब 50 से 70 साल पुराने लगते हैं. पुलिस ने बरामद आभूषणों को “पीली धातु” के रूप में दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की जानकारी जिलाधिकारी को भेज दी गई है. जिलाधिकारी के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना ‘खजाना’
गांव में मंदिर निर्माण के दौरान मिले इन पुराने गहनों की चर्चा हर घर में हो रही है. लोग इसे वर्षों पुराना छिपा “खजाना” मान रहे हैं. हालांकि पुलिस का कहना है कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि गहने किसके हैं या कब के हैं. जांच के बाद ही इस रहस्यमयी खोज का पूरा सच सामने आएगा.



