नई दिल्ली: देशभर के पहलवानों के लिए एक बहुत बड़ी खबर है, जिसे सुनकर पहलवान बेहद खुश हो जाएंगे. आपको बता दें कि कॉमनवेल्थ गेम्स जो कि अगले साल यानी 2026 में ग्लासगो में आयोजित होने जा रहा है. इससे कुश्ती और हॉकी को हटा दिया गया है. जिस वजह से देश भर के खिलाड़ी बेहद निराश और हताश महसूस कर रहे हैं. अच्छे प्रदर्शन के बावजूद वो अगले साल के कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल नहीं हो पाएंगे, लेकिन इस कॉमनवेल्थ गेम्स में ना सही, अगले कॉमनवेल्थ गेम्स में पहलवानों को जरूर जगह मिलेगी और कुश्ती को एक बार फिर शामिल किया जाएगा.
यह जानकारी भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने शनिवार को दी. भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की ओर से प्रो-रेसलिंग लीग (PWL) की वापसी की घोषणा की है. जो कि 2019 के सफल सीज़न के बाद कोविड-19 आ जाने के बाद से नहीं हो सकी थी. यह लीग अब 2026 में एक बार फिर से होगी.
निष्पक्ष होगा पहलवानों का सिलेक्शन
इस दौरान भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह मुख्य ने कहा कि इसमें पहलवानों का जो सिलेक्शन होगा. वह निष्पक्ष तरीके से होगा. किसी की कोई सिफारिश नहीं चलेगी. जो पहलवान प्रतिभाशाली होगा. उसे जगह मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि पहलवान तैयारी में जुट जाएं. उनके लिए यह सुनहरा अवसर है. विश्व स्तर पर कुश्ती ने अपनी पहचान बनाई है, लेकिन पिछले दो-तीन साल कुश्ती के लिए बिल्कुल भी अच्छे नहीं रहे इसीलिए अब एक बार फिर से पहलवान पूरी तैयारी करें.
आने वाला वक्त कुश्ती के लिए बहुत ही शानदार साबित होने वाला है. उन्होंने कहा कि इसमें महिला और पुरुष दोनों को बराबरी का मौका मिलेगा. दोनों को उनकी प्रतिभा के आधार पर इसमें मौका दिया जाएगा. साथ ही कहा कि लीग का एक प्रमुख उद्देश्य लैंगिक समानता ( जेंडर इक्वलिटी ) को बढ़ावा देना है.
कुश्ती को मिलेगी नई पहचान
हाल ही में 2024 पेरिस ओलंपिक में महिला पहलवानों की ऐतिहासिक उपलब्धियों से साफ है कि भारतीय महिला पहलवानों में काफी प्रतिभा है. प्रो रेसलिंग लीग का यह नया अध्याय महिलाओं की इस सफलता को और मजबूती देगा, ताकि वे आने वाले समय में भारतीय कुश्ती की असली पहचान बन सकें.
अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान होंगे शामिल
इस दौरान प्रो रेसलिंग लीग (PWL) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अखिल गुप्ता ने कहा कि इस लीग में भारत के शीर्ष पहलवानों के साथ-साथ रूस, कजाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी हिस्सा लेंगे. लीग की संरचना पर बात करते हुए प्रो रेसलिंग लीग के चेयरमैन और प्रमोटर दयान फारूकी ने कहा कि प्रो रेसलिंग लीग को एक फ्रेंचाइजी-आधारित प्रीमियर मॉडल के रूप में तैयार किया गया है.
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य एक पहलवान के जीवन को पूरी तरह बदलना है. प्रो रेसलिंग लीग के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) सुमित दुबे भी मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि प्रो रेसलिंग लीग भारत की एक प्रीमियम पेशेवर कुश्ती प्रतियोगिता है, जिसका उद्देश्य भारतीय पहलवानों को वैश्विक मंच प्रदान करना, कुश्ती के व्यावसायिक आकर्षण को बढ़ाना और खिलाड़ियों, कोचों और संबंधित पेशेवरों के लिए एक मजबूत और सस्टेनेबल इकोसिस्टम तैयार करना है.


