बहराइच : बहराइच जिले में बुधवार शाम एक दर्दनाक नाव हादसा हो गया. जहां कौड़ियाला नदी में यात्रियों से भरी नाव अचानक पलट गई. इस हादसे में अब तक 13 लोगों को SDRF टीम ने सुरक्षित रेस्क्यू किया है, जबकि 8 लोग अभी भी लापता हैं. हादसे में एक महिला की मौत की पुष्टि हुई है. हालांकि14 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. NDRF और गोताखोरों की 50 सदस्यीय टीम 5 किमी एरिया में सर्च ऑपरेशन चला रही है. जहां टीम पूरी रात लोगों को खोजती रही. वहीं लापता लोगों के घरवाले भी रातभर नदी किनारे बैठे रहे. वे लगातार रोए जा रहे हैं.
घने जंगलों के बीच बसा है गांव
लोकल 18 की टीम जब इस बीहड़ इलाके में पहुंची, तो ग्रामीणों ने कैमरे पर नाव हादसे की जो वजह बताई, उसे सुनकर हर कोई दंग रह गया. दरअसल, यह गांव घने जंगलों के बीच बसा हुआ है, जहां न तो आसपास कोई बाजार है और न ही बुनियादी सुविधाएं. चारों ओर जंगल और एक तरफ बहती कौड़ियाला नदी. यही गांव वालों के जीवन का मुख्य सहारा है. लोग इसी नदी के रास्ते खैरटिया में लगने वाले साप्ताहिक बाजार तक पहुंचते हैं, जो हर बुधवार और शनिवार को लगता है.
कैसे हुआ हादसा?
बुधवार को भी बाजार लगा था. भरथापुर गांव के 22 लोग खरीदारी करने के बाद नाव से लौट रहे थे. जैसे ही वे अपनी मंजिल के करीब पहुंचे, तेज बहाव के कारण नाव बेकाबू हो गई और नदी के बीच सूखे पड़े एक सेमर के पेड़ से टकरा गई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि नाव पलट गई और सभी लोग नदी में गिर पड़े. कुछ लोग तैरकर बाहर आ गए, जबकि कुछ को ग्रामीणों ने बचाया. एक महिला मृत अवस्था में नाव में ही फंसी मिली, जबकि आठ लोग अब भी लापता हैं.
पूरे गांव में पसरा मातम
ग्रामीणों का कहना है कि नाव को संभालने में चार लोग लगे हुए थे, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि वे कुछ नहीं कर सके. हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया है. किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने बहू या पिता. गांववालों ने बताया कि बाजार जाना उनके लिए मजबूरी है. खैरटिया बाजार करीब 7 किलोमीटर दूर है, और बाकी रास्ते जंगलों से होकर गुजरते हैं. इसलिए लोग नदी का रास्ता ही सुरक्षित और आसान मानते हैं. नाव पर लोगों के साथ सब्जी, राशन और मिठाई जैसी चीजें भी थीं.
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और एसएसबी की टीमें मौके पर भेज दीं. रातभर से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन अब तक लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. नदी किनारे गांववाले अपने लापता परिजनों की तलाश में टकटकी लगाए बैठे हैं.



