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world para athletics championship: शैलेश कुमार ने वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में गोल्ड जीतकर इस्लामनगर और जमुई को नई पहचान दी, युवाओं के लिए प्रेरणा बने और पूरे बिहार को गौरवान्वित किया है.
जमुई. वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले शैलेश कुमार अब अपने गांव इस्लामनगर के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं. नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हुए इस इवेंट में शैलेश ने ऊंची कूद टी63/42 श्रेणी में 1.91 मीटर की छलांग लगाकर न सिर्फ नया रिकॉर्ड बनाया बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया. इस ऐतिहासिक जीत के बाद गांव में जश्न का माहौल है और युवा उन्हें अपने रोल मॉडल के तौर पर देखने लगे हैं. युवकों का कहना है कि शैलेश अब गांव ही नहीं बल्कि पूरे इलाके के लोगों के लिए एक आइडल बन गए हैं.
बिना सुविधाओं के भी पाई सफलता
ग्रामीणों ने बताया कि शैलेश बचपन से ही मेधावी रहा है. उन्होंने कहा कि गांव में ट्रेनिंग की इतनी बेहतर सुविधा नहीं होने के बावजूद भी उसने कभी हार नहीं मानी. बचपन से ही शैलेश दिव्यांग था, लेकिन कभी उसने अपनी दिव्यांगता को आड़े नहीं आने दिया. बताते चलें कि शैलेश के पिता शिवनंदन यादव किसान हैं और उन्होंने बेटे की ट्रेनिंग के लिए कर्ज लेकर मदद की. शैलेश शुरू में स्कूल जाने की बजाय खेल के मैदान में अधिक वक्त बिताते थे और धीरे-धीरे उनके हुनर ने परिवार और गांव दोनों को विश्वास दिलाया कि वह एक दिन बड़ा मुकाम हासिल करेंगे. आज उनकी मेहनत और जुनून ने पूरे जमुई जिले और बिहार को गौरवान्वित किया है. गांव के युवा मानते हैं कि शैलेश की जीत ने उन्हें भी सपनों के लिए मेहनत करने की नई प्रेरणा दी है.

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें
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