Last Updated:
Jananayak Chandrashekhar University : जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय ने बलिया में कृषि और पशुपालन कोर्स शुरू किए हैं, जिससे छात्रों को लखनऊ, दिल्ली जाने की जरूरत नहीं होगी. MSC एनिमल हसबेंडरी, डेयरी साइंस और डे…और पढ़ें
नए कोर्स की शुरुआत, रुकेगा पलायन…
हाइलाइट्स
- जेएनसीयू ने कृषि और पशुपालन कोर्स शुरू किए.
- छात्रों को लखनऊ, दिल्ली जाने की जरूरत नहीं.
- कोर्स से लाखों-करोड़ों का पैकेज मिल सकता है.
बलिया : जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय ने खासतौर पर बलिया वासियों के लिए कुछ विशेष कोर्स शुरू किए हैं. ये वही कोर्स हैं जिनके लिए छात्रों को लखनऊ , दिल्ली जैसे बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था. इन कोर्सेज को करने के बाद छात्र न केवल नौकरी पा सकते हैं, बल्कि बड़ा स्टार्टअप शुरू कर दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं. गौरतलब है कि बलिया एक कृषि प्रधान जिला है, इसी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय ने यह कोर्स शुरू किया है. कुलपति के अनुसार, इन कोर्सेज को करने के बाद बच्चे तुरंत सफल हो सकते हैं. आइए, इस कोर्स के बारे में विस्तार से जानते हैं…
यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने बताया कि बलिया विश्वविद्यालय ने उन महत्वपूर्ण कोर्सेज की शुरुआत की है, जिनके लिए बच्चे अन्य जिलों में पलायन करने को मजबूर होते थे. इस जिले की पूरी अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है, इसलिए बलिया में कृषि और पशुपालन से जुड़े काम बहुत अच्छे हो सकते हैं. यहां के लोगों के लिए जेएनसीयू ने यह कोर्स प्रारंभ किया है.
मिलेगा लाखों करोड़ों का पैकज
प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने बताया कि देश-दुनिया में दूध की काफी मांग है. अब बलिया के छात्र डेयरी टेक्नोलॉजी से परिचित होकर न केवल आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देंगे. जेएनसीयू ने अब MSC एनिमल हसबेंडरी, डेयरी साइंस और डेयरी टेक्नोलॉजी का कोर्स शुरू कर दिया है. इन कोर्सेज को करने से सिर्फ नौकरी ही नहीं मिलेगी, बल्कि छात्र नौकरी देने वाले भी बन सकते हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि इस कोर्स को करने के बाद छात्र लाखों-करोड़ों का पैकेज ले सकते हैं. इसमें एडमिशन के लिए जेएनसीयू की वेबसाइट से फॉर्म भरे जा सकते हैं.
कैसे होगा एडमिशन?
जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में इन महत्वपूर्ण कोर्सेज की 20 सीटें हैं. अगर मौजूदा सीटों से दोगुने फॉर्म भरे जाते हैं, तो बच्चों का एक एंट्रेंस एग्जाम होगा. कुलपति के अनुसार, बच्चों का टेस्ट देना ही पड़ेगा, क्योंकि 7 गुने से अधिक फॉर्म आने की संभावना है. इसकी फीस एक साल के लिए ₹16,000 मात्र है.



