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Online worship in Navratri 2025 : मां विंध्यवासिनी धाम से दूर बैठे भक्त यहां के पुरोहितों की मदद से ऑनलाइन पूजा करा रहे हैं. इनमें अमेरिका, स्वीडन, यूक्रेन, रूस और यूरोपीय देशों में रहने वाले भक्तों की संख्या ज…और पढ़ें

ऑनलाइन पूजा कराते पं. शिवांग त्रिपाठी
हाइलाइट्स
- मां विंध्यवासिनी धाम में ऑनलाइन पूजा का क्रेज बढ़ा.
- विदेशों में रहने वाले भक्त ऑनलाइन अनुष्ठान कर रहे हैं.
- पुरोहित पंडित शिवांग त्रिपाठी 15 देशों के भक्तों से जुड़े.
मिर्जापुर. मां विंध्यवासिनी धाम में ऑनलाइन पूजा का क्रेज बढ़ गया है. ये मंदिर उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में है. जो भक्त यहां मां के धाम में नहीं आ पा रहे हैं, वो दूर बैठे ऑनलाइन पूजा करा रहे हैं. इनमें विदेशों में रहने वाले भक्तों की संख्या अधिक है. विदेशों में रहने वाले ऐसे भक्त जो नवरात्रि में किसी कारणों से यहां नहीं आ पाए हैं, वो ऑनलाइन अनुष्ठान लेकर तीर्थ पुरोहित के माध्यम से पूजा करा रहे हैं और मां से सुख समृद्धि की कामना कर रहे हैं. भक्त वीडियो कॉल से पूजा-अर्चना देख रहे हैं. विंध्यधाम के रहने वाले तीर्थ पुरोहित पं. शिवांग त्रिपाठी ऑनलाइन माध्यम से पूजा-अनुष्ठान कराते हैं. शिवांग त्रिपाठी से करीब 15 से अधिक देशों के भक्त जुड़े हुए हैं. इनमें, अमेरिका, स्वीडन, यूक्रेन, रूस व यूरोप के देश शामिल हैं.
पं. शिवांग त्रिपाठी लोकल 18 से कहते हैं कि जो भी भक्त मां के धाम में नहीं आ सकते हैं, वो ऑनलाइन पूजन कराते हैं. इनमें श्रृंगार कराने वाले भक्तों की संख्या अधिक है. ज्यादातर भक्त मां का श्रृंगार ही कराते हैं. देश के अलग-अलग राज्यों से भी कई यजमान मां के धाम में वीडियो कॉल के माध्यम से पूजा करा रहे हैं.
विशेष फल की प्राप्ति
पं. शिवांग त्रिपाठी के अनुसार, भक्त श्रृंगार व अनुष्ठान कराने के लिए पैसे भेज देते हैं. यहां पर पूजन सामग्री खरीदकर उनके नाम से संकल्प लेकर विशेष पूजन कराया जाता है. नवरात्रि में भी काफी संख्या में लोग मां के धाम में नहीं पहुंच पाते हैं. ऐसे में पूजन कराने के बाद नवरात्रि के बाद आकर दर्शन करते हैं. इससे उन्हें विशेष फल की प्राप्ति होती है.
इनसें रहें सावधान
पं. शिवांग त्रिपाठी ने बताया कि कई अलग-अलग वेबसाइट और ऐप विंध्याचल में पूजन और प्रसाद के नाम पर पैसा लेते हैं, लेकिन पैसे लेकर भी यहां पूजन नहीं कराते. अगर आप ऑनलाइन पूजन कराना चाह रहे हैं तो धाम के तीर्थ पुरोहित से ही कराएं. पूजा के बाद प्रसाद को कोरियर से भक्त को भेज दिया जाता है, ताकि भक्त मां के श्रीचरणों का प्रसाद खाकर आशीर्वाद प्राप्त कर सकें.