
ब्यूरो रिपोर्ट सोनभद्र।
राहगीरों को करनी पड़ रही परेशानियां का सामना।
डाला सोनभद्र। नगर में स्थित डाला- ओबरा सम्पर्क मार्ग स्थित लालबत्ती से लेकर सेक्टर बी चौराहे तक का मार्ग पुरी तरह से ध्वस्त हो चुका हैं।सड़क पर उड़ते धूल के गुब्बार और सड़क पर बिखरे कंकड़-पत्थर से आम लोग परेशान हैं।लोगों को राहत पहुंचाने के बड़े-बड़े वादों का अब डाला-ओबरा सम्पर्क मार्ग पर दम तोड़ते हुए दिखाई दे रहा हैं चूंकि सम्पर्क मार्ग पर उड़ रहे धूल ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। डाला वैष्णो मंदिर के पास स्थित चोपन, गढ़वा व चोपन सिंगरौली पर बने रेलवे पुलिया में दरार आने की वजह से 19 जून 2023 को पुल पर हाइट गेज लगाकर भारी वाहनों का आवागमन डाला लाल बत्ती और गजराज नगर होते हुवे कर दिया गया था और कुछ दिन में ही पुरा मार्ग ध्वस्त हो गया।डाला ओबरा सम्पर्क मार्ग पर छोटे बड़े वाहनों की आवाजाही से पुरे मार्ग पर धूल ही धूल हो जाता हैं तथा सड़क पर फैले गिट्टी से आय दिन लोग चोटिल भी हो रहे हैं।इस मार्ग से रेक्सहवा,सेक्टर बी, सलईबनवा,धौठा टोला व ओबरा से प्रतिदिन छात्र, बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे आदि लोगो का आवागमन भी होता हैं लेकिन सड़क पर उड़ने वाला धूल पुरी तरह लोगों की परेशानी का सबब बन चुका हैं।आम लोगों को उड़ने वाली धूल से सांस फूलने, एलर्जी,और आंखों में जलन आदि से परेशान हैं। स्थानीय लोगों द्वारा ज्ञापन व समाचार के माध्यम से गड्डे में तब्दील सड़क और उड़ते धूल की समस्या के निदान के लिए नगर पंचायत,जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी कई बार दी जा चुकी हैं। स्थानीय निवासी कैलाश,सोनू,मोहिब, विशाल, कृष्णा,राजू आदि ने जल्द से जल्द जनहित को देखते हुए मार्ग को सही करवाने की मांग की हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि उक्त मार्ग से नगर पंचायत के वाहन,खनन क्षेत्र से गिट्टी आदि लेकर निकलने वाले वाहन तथा स्थानीय कंपनी के वाहन और अधिकारी भी आते जाते हैं लेकिन अब तक आवाम के राहत के लिए कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है कि जिससे लोगों को राहत मिल सके।एडवोकेट आलिया खानम ने कहा कि आखिर क्या कारण है कि इतने धूल के बावजूद भी नियमित पानी का छिड़काव नहीं हो रहा हैं।वहीं शाम होते ही बड़े व छोटे वाहन बेधड़क सरपट दौड़ने लगती हैं जिससे पैदल,साइकिल व दुपहिया चालक को बड़ी जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं।बारिश होते ही सड़क पर किचड़ और गड्ढे तथा मार्ग के सूखने पर उड़ने वाली धूल ने सभी का जीवन प्रभावित कर दिया हैं।

