ब्यूरो रिपोर्ट सोनभद्र।
मिनी सेन्टर आॅफ एक्सीलेंस के निर्माण से जनपद के कृषकांे को उन्नत किस्म के सब्जी के पौधें प्राप्त होने के साथ ही रोजगार के अवसर होंगें उपलब्ध-जिलाधिकारी।
हाईटेक पौधशाला में अच्छी गुणवत्ता के सब्जी के पौधें तैयार कर, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित करते हुए कार्य करने की दी जाये जिम्मेदारी-जिलाधिकारी।
औद्यानिक क्षेत्र में नई तकनीक का प्रयोग को बढ़ावा मिलने के साथ ही उन्नत किस्म के सब्जी की उत्पादकता में होगी वृद्धि-जिलाधिकारी।
सोनभद्र।जिलाधिकारी बी0एन0 सिंह व पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा द्वारा आज उद्यान विभाग, द्वारा विकास खण्ड, घोरावल के राजकीय प्रक्षेत्र, ओबराडीह में धनराशि 1 करोड़ 09 लाख की लागत से नवनिर्मित हाईटेक पौधशाला का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक द्वारा मिनी सेन्टर आॅफ एक्सीलेंस में नई तकनीक का प्रयोग कर उगायी जा रही अच्छी गुणवत्ता के सब्जी के पौधें तैयार करने की प्रक्रिया बारी-बारी से स्थलीय जायजा लिया गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि अच्छी गुणवत्ता के सब्जी पौधें तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराया जाये तथा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित कर उनसे उत्पादन कार्य लिया जाय, जिससे औद्यानिक क्षेत्र में नई तकनीक का प्रयोग को बढ़ावा मिले और उत्पादकता में भी वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि मिनी सेन्टर आॅफ एक्सीलेंस के निर्माण से जनपद के कृषकांे को उन्नत किस्म के सब्जी के पौधें प्राप्त होगें तथा रोजगार के अवसर भी जनपद में ही उपलब्ध होगें। जनपद में अधिक से अधिक कृषकों के यहां इसी तर्ज पर पाॅली हाउस का निर्माण कराया जाये, जिससे कृषकों की आय में वृद्धि हो सकें। निरीक्षण के दौरान जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम ने जानकारी दी कि हाईटेक पौधशाला में सीड ग्रोइंग चैम्बर में फैन-पैड का निर्माण किया गया है तथा सिडिंग मशीन के सहायता से सीड की बुवाई ट्रे में की जायेगी। जहाँ कन्ट्रोल वातावरण में बीजों से स्वस्थ व रोगमुक्त पौध तैयार किये जायेग, साथ ही साथ हार्डनिंग चैम्बर का निर्माण कराया गया था। 20 दिन बाद सीड ग्रोइंग चैम्बर से तैयार पौधों को हार्डनिंग चैम्बर में रखा जाता है, ताकि पौधों को खुले खेत में लगाने हेतु तैयार हो जाये, तत्पश्चात् हार्डनिंग चैम्बर में तैयार पौधों को कृषकों को खेत में रोपाई हेतु उपलब्ध कराया जाता है। हाईटेक पौधशाला का उद्देश्य बीजों के जमाव प्रतिशत को बढ़ाना, सूक्ष्म एवं मृदु बीजों से पौधों का सुविधापूर्वक उत्पादन, उपयुक्त वातावरण के समय पौध उपलब्ध कराना, गुणवत्तायुक्त पौध तैयार करना, रोग-कीट के प्रभाव रहित पौध का उत्पादन, मृदा रहित मीडिया के कारण जड़ों का उत्पुक्त विकास, कम क्षेत्रफल में अधिक पौध उत्पादन, प्रारम्भिक अवस्था में पौध को सूर्य की रोशनी, वर्षा, सर्दी, हवा आदि से बचाव, अगेती फसल रोपाई में सहायता, खेत की तैयारी हेतु अधिक समय की उपलब्धता, कम क्षेत्रफल में रोग-कीट नियंत्रण की सुविधा है। हाईटेक पौधशाला में बाहरी वातावरण जैसे-सर्दी, गर्मी, वर्षा एवं अन्य प्राकृतिक कारको को नियंत्रित कर सब्जियों की पौध को उत्पादन किया जाता है। प्राकृतिक प्रतिकूल कारकों को नियंत्रण के साथ-साथ हाईटेक पौधशाला में कार्बनडाई आक्साइड की मात्रा 2-3 गुना बढ़ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप पौधों का विकास तेजी से होता है। हाईटेक पौधशाला में बाहर एवं अन्दर के तापक्रम में 10-15 डिग्री सेल्सियस का अन्तर रहता है। जिससे पौधों को तैयार होने में अनुकूल वातावरण मिलता है। हाईटेक पौधशाला में सिंचाई बूमर तकनीकी द्वारा की जाती है, जिससे आवश्यक मात्रा में पौधों को पानी मिलता है तथा बूमर तकनीक से पानी एवं पोषण देने से पौधों को एक समान पोषण मिलता है तथा एक वर्ष में लगभग 12.00 लाख सब्जी पौध (मिर्च, टमाटर, गोभी, बैगन, खीरा, लौकी, तरोई आदि) उत्पादन किया जा सकेगा। निरीक्षण के मौके पर अधिशासी अभियन्ता ग्रामीण अभियंत्रण, उद्यान निरीक्षक रवीन्द्र सिंह व सुश्री पुष्पा सहित उद्यान के कार्मिकगण उपस्थित रहें।