संवाददाता। विशाल गुप्ता।
बीजपुर(सोनभद्र)एनटीपीसी रिहंद परियोजना प्लांट में एफजीडी कार्य मे विभिन्न कार्यदायी कम्पनियों के यहाँ टैक्सी परमिट वाहन की जगह प्राइवेट नम्बर के वाहन धड़ल्ले से चलाए जा रहे हैं।कम्पनियों की साठ गाँठ से इन्हीं प्राइवेट वाहनों में दूर दराज के गाँवों से श्रमिको सहित कम्पनियों के कर्मचारियों को प्लांट के अंदर तक पहुँचाया जाता है सुरक्षा मैटेरियल गेट पर इन वाहनों का गेट पास किन परिस्थिति में बनता है यह तो जानकारी नही है लेकिन दुर्भाग्य पूर्ण तो यह है कि किन्ही परिस्थिति में होने वाले हादसे के बाद वाहन स्वामी अथवा चालक सहित सम्बन्धित कम्पनी हाथ खड़े कर देती है और दुर्घटना में पीड़ित परिवार को फूटी कौड़ी तक नशीब नही होती।सूत्रों के अनुसार प्लांट के अंदर कार्यदायी संस्था श्रीविम, कुंडाल,बैगिन इंडिया,कुबेर, प्रिया,जीपावर,पहाड़पुर कम्पनी सहित कई संस्थानों में खुलेआम प्राइवेट वाहनों का उपयोग कर परिवहन विभाग के टैक्स की चोरी की जा रही है।गौरतलब तो यह है कि एनटीपीसी रिहंद परियोजना के सभी अधिकारी कर्मचारी टैक्सी वाहन का उपयोग करते हैं बावजूद कम्पनियां टैक्सी नम्बर के वाहनों से परहेज कर सरकार के राजस्व को चुना लगा रही हैं।बताया जाता है कि टैक्सी वाहन किराए पर लेने में 8 से 10 हजार रुपए महीना महंगा पड़ता है ऐसे में सम्भवतः इन्ही कुछ रुपयों की लालच में कम्पनी के कर्ताधर्ता प्राइवेट वाहनों का उपयोग कर रहे हैं।इसबाबत एआरटीओ ने कहा ऐसे वाहनों की सूची मंगवाई जाएगी और उनपर कार्रवाई की जाएगी।