देवरिया, निज संवाददाता। जिले में नर्सिंग कालेज खोलने की अनुमति शासन से मिल गई
देवरिया, निज संवाददाता। जिले में नर्सिंग कालेज खोलने की अनुमति शासन से मिल गई है। कार्यदायी संस्था का निर्धारण भी हो चुका है। पर कालेज के निर्माण के चिन्हित भूमि पर खड़े पुराना जिला अस्पताल भवन के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई न होने से कालेज का निर्माण अटका हुआ है। ध्वस्तीकरण होने के बाद ही नर्सिंग कालेज का निर्माण शुरू हो पाएगा।
विगत वर्ष के अंत में प्रदेश सरकार ने मेडिकल कालेज परिसर में ही नर्सिंग कालेज खोलने का निर्णय लिया था। प्रारंभिक तौर पर परिसर में हर साल 50 सीटों पर नर्सिंग में प्रवेश की योजना बनाई गई है। इसके अनुरूप कालेज भवन के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया। इसके निर्माण पर 10 करोड़ रुपये खर्च होंने का अनुमान लगाया गया। विभिन्न प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए कालेज निर्माण के लिए सीएंडडीएस को शासन ने कार्यदायी संस्था नामित कर दिया।
लगभग छ: महीने पहले सरकार ने कालेज प्रशासन को निर्माण के लिए दो करोड़ की पहली किश्त भेज दी थी। तब प्राचार्य डॉ. राजेश बरनवाल ने इस रकम को कार्यदायी संस्था को स्थानांतरित कर दिया था। इन सारी व्यवस्थाओं के बावजूद कालेज का निर्माण अधर में फंस गया है। अभी तक नर्सिंग कालेज के लिए एक ईंट भी नहीं रखी जा सकी है। इसकी वजह यह है कि पुराने जिला अस्पताल भवन के एक हिस्से पर ही नर्सिंग कालेज का निर्माण होना है। उस भवन को अभी तक ध्वस्त नहीं किया जा सका है। इसके चलते निर्माण की प्रक्रिया लंबित है।
लोक निर्माण विभाग गिरवाएगा भवन
पुराना जिला अस्पताल भवन के ध्वस्तीकरण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को कालेज प्रशासन ने सौंप दिया है। विभागीय अधिकारी पिछले सप्ताह प्राचार्य से मिलकर ध्वस्तीकरण पर चर्चा कर चुके हैं। आशा है कि शीघ्र ही जिला अस्पताल के भवन को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
एमबीबीएस की 100 सीटों की है मेडिकल कालेज की क्षमता
महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय शुरू हो जाने के बाद जिले में हर साल 100 मेडिकल ग्रेजुएट्स तैयार करने की क्षमता मिल गई। एमबीबीएस के तीन सत्र पहले से चल रहे हैं। चौथे सत्र के लिए छात्र छात्राओं का प्रवेश हो चुका है। गर्मियों में मेडिकल कालेज की ओपीडी में औसतन तीन हजार रोगी प्रतिदिन आते हैं। रोगियों की बड़ी संख्या के चलते मेडिकल कालेज प्रदेश में शीर्ष पांच कालेज में शामिल है।
जिले में बन रही है क्रिटिकल केयर यूनिट
जिले में गंभीर रोगियों के इलाज के लिए 23 करोड़ की लागत से 50 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट की मंजूरी शासन से मिली है। इसे भी पुराने अस्पताल को गिराकर बनाया जाना था। कालेज प्रशासन ने ध्वस्तीकरण में विलंब देख पुराने जिला महिला अस्पताल के एक खाली हिस्से में क्रिटिकल केयर यूनिट के निर्माण की अनुमति दे दी है। इस पर कार्य भी शुरू हो गया है।
मेडिकल कालेज परिसर में नर्सिंग कालेज खोलने के लिए 10 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इसमें से दो करोड़ रुपये शासन से जारी हो चुका है। इसे कार्यदायी संस्था को दे दिया गया है। इसको पुराने जिला अस्पताल भवन के एक हिस्से में बनाया जाएगा। इस भवन के ध्वस्तीकरण के लिए पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा गया है। उनके स्तर से ही ध्वस्तीकरण की कार्यवाई की जाएगी। इसके बाद ही नर्सिंग कालेज का निर्माण शुरू हो पाएगा।
डॉ. राजेश बरनवाल, प्राचार्य महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय