बिहार में शिक्षकों की नई तबादला नीति जारी हो गई है। इसमें महिला और दिव्यांग टीचरों को ट्रांसफर-पोस्टिंग में वरीयता दी जाएगी। हालांकि, पुरुष शिक्षकों को किसी भी स्थिति में अपने ही अनुमंडल क्षेत्र में स्थानांतरण का विकल्प नहीं मिलेगा।
बिहार के सरकारी शिक्षकों के लिए नई तबादला एवं पदस्थापन नीति जारी हो गई है। नीतीश सरकार द्वारा सोमवार को जारी हुई नई स्थानांतरण नीति में महिला, विधवा, दिव्यांग एवं गंभीर रूप से बीमार टीचर को ट्रांसफर एवं पोस्टिंग मे वरीयता दी जाएगी। वहीं, पुरुष शिक्षकों को अपने गृह अनुमंडल क्षेत्र के स्कूल में पोस्टिंग नहीं मिलेगी। हालांकि, सभी शिक्षकों को अधिकतम 10 विकल्प देने का मौका मिलेगा। जितना संभव होगा उन्हें अपने निकटतम अनुमंडल या जिले में पोस्टिंग दी जाएगी।
बिहार शिक्षक स्थानांतरण नीति 2024 के अनुसार हर पांच साल में कम से कम एक बार शिक्षकों का ट्रांसफर अनिवार्य होगा। यानी कि कोई भी शिक्षक अधिकतम पांच साल तक एक ही स्कूल में तैनात नहीं रहेंगे। जिन शिक्षिकाओं के पति भी कर्मचारी हैं, तो उनका पति के पोस्टिंग वाले जिले में तबादला किया जा सकता है।
इन शिक्षकों का होगा तबादला-
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से चयनित सभी शिक्षकों का ट्रांसफर हो सकेगा। साथ ही जिन नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा पास की और वे नियमित शिक्षक बन गए हैं, उनपर भी नई तबादला नीति लागू होगी। हालांकि, अगर इनमें से किसी शिक्षक ने ट्रांसफर-पोस्टिंग का विकल्प नहीं दिया है तो उनका तबादला नहीं होगा, वे अपने स्कूल में ही बने रहेंगे।
इन शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं होगा-
नई तबादला नीति स्थानीय निकायों से नियुक्त शिक्षकों पर लागू नहीं होगी। जिन नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा पास नहीं की है, उनका तबादला नहीं होगा।
बिहार में शिक्षकों के तबादले कब होंगे
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने सोमवार को नई तबादला नीति जारी करते हुए कहा कि आगामी दिसंबर तक सभी शिक्षकों की नए स्कूलों में तैनाती कर दी जाएगी। जल्द ही शिक्षकों से ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए आवेदन लिए जाएंगे। यह प्रक्रिया सॉफ्टवेयर आधारित एप्लीकेशन के माध्यम से पूरी की जाएगी। इसमें वरीयता के आधार पर शिक्षकों को यथासंभव नजदीकी अनुमंडल या जिले में पोस्टिंग दी जाएगी।