देवरिया जिले में 313 परिषदीय विद्यालयों के जर्जर भवनों को ध्वस्त करने की तैयारी चल रही है। ये भवन बच्चों की पढ़ाई के लिए अनुपयुक्त हैं और हमेशा खतरा बने रहते हैं। इन भवनों का मूल्यांकन करने के बाद…
देवरिया, निज संवाददाता। जिले के 313 परिषदीय विद्यालयों के जर्जर भवनों को ध्वस्त कराए जाने की तैयारी चल रही है। इन इमारतों में बच्चों की पढ़ाई नहीं होती लेकिन इनसे हमेशा खतरा बना रहता है। इन भवनों के मूल्यांकन होने के बाद जर्जर स्कूल भवन नीलाम किया जाएगा। मूल्यांकन के लिए टीम बनाई गई है। जिले में 2121 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इसमें 1371 प्राथमिक, 268 उच्च प्राथमिक और 481 कंपोजिट विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में से 313 ऐसे हैं, जिनके भवन वर्षों से जर्जर खड़े हैं। इन इमारतों में बच्चों की पढ़ाई नहीं होती लेकिन इनसे हमेशा खतरा बना रहता है। बारिश के मौसम में कई जगहों पर जर्जर भवन खुद ढह चुके हैं। जर्जर भवनों के परिसर में मौजूद होने की वजह से नवनिर्माण में भी बाधा उत्पन्न होती है। जिले के सभी खंडशिक्षाधिकारियों ने अपने अपने क्षेत्र के विद्यालयों के जर्जर भवनों को चिन्हित कर बीईओ को रिपोर्ट भेजा। इसकी जांच डीसी निर्माण ने इसकी जांच कर विद्यालयों को चिन्हित किया। जिले के 15 ब्लाक और नगर क्षेत्र के 313 जर्जर भवनो को तोड़ने की सूची तैयार किया है। जिले के भलुअनी ब्लाक में कोई जर्जर भवन नहीं है। जिले के जर्जर भवनों का मूल्यांकन करने के लिए विभाग की तैयारी चल रही है। जर्जर भवनों के मूल्यांकन के बाद उसे तोड़ने की प्रक्रिया होगी।
इन ब्लाकों के जर्जर भवनों का होगा मूल्यांकन
देवरिया जिले के बनकटा ब्लाक में 8, बैतालपुर ब्लाक में 31, गौरीबाजार ब्लाक में 36, पथरदेवा ब्लाक में 35, देवरिया सदर ब्लाक में 40, देसही देवरिया ब्लाक 12, तरकुलवा विकास खंड में 7, रामपुर कारखाना विकास खंड में 12, भटनी विकास खंड में 10, लार विकास खंड में 22, रुद्रपुर विकास खंड में 9, भाटपाररानी विकास खंड में 27, बरहज विकास खंड के 11 , सलेमपुर विकास खंड के 18, भागलपुर ब्लाक के 32 और नगर क्षेत्र के 3 स्कूल जर्जर हो चुके है।
निष्प्रयोज्य जर्जर भवन जस के तस खड़े हैं। अब जर्जर भवनों को ध्वस्त कराने की प्रक्रिया में फिर से तेजी आई है। भवनों के मूल्यांकन के बाद इसे नीलाम किया जाएगा। इसके बाद भवनों को तोड़ने का कार्य किया जाएगा।
ज्ञानेन्द्र सिंह, डीसी, निर्माण, देवरिया।