सुरौली, हिन्दुस्तान संवाद। विगत अप्रैल माह में रूद्रपुर तहसील के सिसवां पाण्डेय में
सुरौली, हिन्दुस्तान संवाद। विगत अप्रैल माह में रूद्रपुर तहसील के सिसवां पाण्डेय में आग के ताण्डव से बर्बाद हुए नौ दलित परिवारों को आज तक प्रशासन की तरफ से एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली। आग के चपेट में आने से एक परिवार को पूरी तरह तहस नहस हो गया था। परिवार का एक किशोर जिन्दा जल गया तो दूसरे चौदह दिन अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ता रहा। घर की पालतू गाय, बकरी, सिलेंडर समेत रियायसी झोपडी राख में बदल गई।
आग की सूचना पर तो पूरा जिला प्रशासन दौरा करने पंहुच गया लेकिन बाद में सब अपने में काम में व्यस्त हो गए और फिर कभी इनके मदद की याद भी नहीं आई। प्लास्टिक की टाट के सहारे जीवन काटने को मजबूर है मृतक का परिवार वहीं अन्य आठ परिवारों के लोग मदद की आस खोजते खोजते नई जिंदगी की तलाश में जुट गए।
लू ने फैलाया था आग का ताण्डव
घटना इसी वर्ष 26 अप्रैल की है तब पूरा देश लू की चपेट में था और जगह जगह आग की घटनाएं घटित हो रहीं थी। रूद्रपुर तहसील के सिसवां पाण्डेय में गांव के बीच से नकडीहा भेडापकड़ रोड़ पर बसे हरिजन बस्ती में कई कच्चे पक्के मकान हैं। इनमें ज्यादातर परिवार मजदूरी पर निर्भर है और रिहायशी झोपड़ी डाल कर गुजर बसर करते हैं। 26 अप्रैल को दोपहर बाद अज्ञात कारणों से आग लग गई। गांव के मोहन प्रसाद नाच मंडली में काम करते थे और लगन के सिलसिलें में बाहर थे।
पत्नी बाजार गई हुई थी। तभी आग ने सबसे पहले मोहन के घर को चपेट में ले लिया जिसमें मोहन का बड़ा बेटा 15 वर्षीय लक्ष्मण जिन्दा जल गया और राख के ढेर के बीच मुश्किल से उसका शव मिला और दूसरा बेटा पांच वर्षीय भरत जलने से गंभीर हालत में चौदह दिन भर्ती रहा। मोहन की एक गाय, दो सिलेंडर, एक मोटर साइकिल समेत जीवन के सारे कागजात व जमा पूंजी जलकर खाक हो गया। मोहन के अलावा तप्पे, कृष्ण मुरारी, रामहरेश, रामा गोड़, जैनुद्दीन, मैनुद्दीन समेत कई अन्य के घर व गृहस्थी जलकर खाक हो गई।
घटना के दिन जिलाधिकारी समेत पूरा प्रशासन पंहुचा था
घटना की सूचना पर फायर बिग्रेड पंहुच कर आग बुझाया था। मौत व बड़ी तबाही की सूचना पर तात्कालीन जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह, एसपी संकल्प शर्मा, एसडीएम रूद्रपुर रत्नेश तिवारी, राजस्व विभाग की टीम, थाना प्रभारी, एडीशनल एसपी दक्षिणी भीम कुमार गौतम, सीओ आदित्य कुमार गौतम, थानाध्यक्ष सुरौली अनिल कुमार समेत पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर पंहुच पीड़ितों को संत्नावना व सरकारी सहायता दिलाने का वादा कर गए। लेकिन समय के साथ भूल गए।
आज तक नहीं मिला एक रूपए की सहायता
आग लगने के बाद सभी अधिकारी व जनप्रतिनिधी सरकारी सहायता दिलाने का वादा किए लेकिन आज तक कोई सहायता नहीं मिला। मौके पर गए कोई राजस्व विभाग का कर्मचारी या अधिकारी ने आर्थिक सहायता दिलाने की पहल नहीं की। आग लगने पर पशु हानि, पक्के व कच्चे मकान व मानव क्षति होने पर सरकार द्वरा अहेतुक राशि प्रदान करने का प्राविधान है।